नई दिल्ली ।। प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर अनशन पर बैठे अन्ना हजारे के प्रमुख सहयोगी प्रशांत भूषण ने शनिवार को कहा कि शुक्रवार शाम को उन्हें बताया कि गया था सरकार संसद में लोकपाल के मसले पर चर्चा के बाद अन्ना के तीनों प्रमुख मांगों को लेकर मतदान करवाएगी, लेकिन अब कहा जा रहा है कि ऐसा नहीं हो सकता।
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में अन्ना ने तीनों प्रमुख मुद्दों – लोकपाल की तरह राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति, इसके दायरे में सभी कर्मचारियों को लाने और नागरिक चार्टर पर संसद में मतदान के जरिए एक प्रस्ताव पारित कराने को कहा था।
उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर संसद में केवल चर्चा से वे संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की जनता को यह जानने का अधिकार है कि उनके सांसद इन मुद्दों पर क्या रुख अपनाते हैं इसलिए मतदान जरूरी है। भूषण ने यह भी कहा कि यदि इन मुद्दों पर मतदान के जरिए प्रस्ताव पारित नहीं किया जाता है तो अनशन तोड़ने के बारे में फैसला अन्ना हजारे खुद लेंगे।