पटना ।। भ्रष्टाचार में लिप्त पाये गये आईएएस अधिकारी शिवशंकर वर्मा के मकान, जो पटना के पॉश इलाके बेली रोड पर है, को बिहार सरकार ने जब्त कर लिया है। इस मकान की कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये के आसपास है। इस जब्ती के साथ ही वर्मा का मकान अब सरकारी संपत्ति होगा।


जब्त किये गये मकान को मंगलवार को राज्य सरकार की कैबिनेटी की मंजूरी के बाद स्कूल खोलने के लिए राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सौंप दिया जाएगा। भ्रष्टाचार की आग में जल रहे भारत के लिए यह पहला मौका है, जब किसी राज्य सरकार ने किसी अफसर की संपत्ति को भ्रष्टाचार करने के आरोप में जब्त किया है।


गौरतलब है कि बिहार की एनडीए सरकार ने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए एक भ्रष्टाचार निरोधी विशेष कानून [बिहार स्पेशल कोर्ट ऐक्ट-2009] बनाया है, जिसके तहत ही आईएएस अधिकारी के मकान को जब्त किया गया है। देश के किसी भी दूसरे राज्य में इस तरह का भ्रष्टाचार निरोधी कानून नहीं है।


गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के आरोप में वर्मा के घर पर स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने 6 जुलाई 2007 को छापा मारकर डेढ़ करोड़ की संपत्ति जब्त की थी। उनके लॉकर से नौ किलो सोना मिला था। छापामारी के दौरान 1981 बैच के आईएएस अधिकारी वर्मा लघु सिंचाई विभाग में सेक्रेटरी पद पर थे। छापे के बाद वर्मा को सस्पेंड कर दिया गया था। विजिलेंस कोर्ट में आरोप सिद्ध होने के बाद वर्मा ने हाईकोर्ट में राहत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने विजिलेंस कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।


पटना के डीएम संजय कुमार सिंह ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर वर्मा के आवास को रविवार शाम को जब्त करने की कार्रवाई की गई। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि जैसे ही यह मकान मानव संसाधन मंत्रालय के हवाले होगा, वैसे ही इसमें स्कूल खोल दिया जाएगा।

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