रालेगण सिद्धि ।। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में बसा सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का गांव रालेगण सिद्धि इस समय लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और लोग यहां इतनी ज्यादा संख्या में पहुंच रहे हैं कि प्रशासन को इससे निपटने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। नेता हालांकि उनके गांव जाने से जरूर बच रहे हैं।
अन्ना का गांव रालेगण सिद्धि हाल के दिनों में मीडिया की सुर्खियों में छाया हुआ था। इस गांव की चर्चा इतनी दूर तक फैल चुकी है कि यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन छेड़ने वाले अन्ना को न केवल अपने देश में प्रसिद्धि और प्रशंसा मिली है बल्कि उनकी ख्याति विदेशों तक भी फैली है।
स्थानीय लोगों की मानें तो शिरडी के साईं बाबा, शनि शिंगनापुर मंदिर, पुणे, भीमाशंकर की चोटी और मलशेज घाट आने वाले लोगों में से ज्यादातर अन्ना के गांव के बारे में ही पूछ रहे हैं।
एक स्थानीय संग्रहालय के प्रबंधक किशोर मापारी ने कहा कि मार्च तक औसतन 500 लोग प्रतिदिन रालेगण सिद्धि आते थे।
मापारी बताते हैं, “नई दिल्ली में हुए दो आंदोलनों और अनशन की वजह से इस गांव में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। अब पहले की तुलना में 1,500 से अधिक लोग प्रतिदिन रालेगण सिद्वि पहुंच रहे हैं, जिसमें छात्र, शिक्षाविद्, शोधार्थी, पर्यटक और श्रद्धालु भी शामिल हैं।”
राजनीति से जुड़े लोग हालांकि इस गांव से अपनी दूरी बनाए हुए हैं क्योंकि अन्ना ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के समय नेताओं से दूर रहने की अपील की थी। इसके अलावा अन्ना की सहयोगी किरण बेदी द्वारा नेताओं की नकल किए जाने की वजह से नेता इससे दूरी बनाए हुए हैं।
रालेगण पहुंचने वाले लोग अन्ना की दो पुस्तकों ‘ए न्यू फ्रीडम स्ट्रगल’ और ‘माइ विलेज : माई प्लेस ऑफ पिलग्रमिज’ को काफी पसंद कर रहे हैं। ये पुस्तकें हिन्दी, मराठी और अंग्रेजी में उपलब्ध हैं।
मुम्बई के एक युवक राजेश पाटील ने बताया कि वह यह देखकर काफी हैरान हैं कि अन्ना हजारे के दिशा-निर्देश में इस गांव ने कितनी तरक्की की है। हमें इस बात पर आश्वचर्य होता है कि इस तरह की साधारण रणनीति पूरे देश में क्यों नहीं अपनायी जाती।
पाटील ने बताया कि पिछले छह महीनों में वह दूसरी बार रालेगण सिद्धि आए हैं।
पाटील की तरह ही लखनऊ से रालेगण सिद्धि पहुंचे के.आर.द्विवेदी ने कहा कि हम केवल अन्ना जी के दर्शन की उम्मीद लेकर आए हैं। वह उनका दर्शन करने में सफल रहे क्योंकि पिछले शनिवार को अन्ना ने दो अवसरों पर रैली को सम्बोधित किया था।
[कायद नजमी]