शिमला का प्राचीन मंदिर जाखू मंदिर हिंदुओं का पवित्र तीर्थधाम है। समुद्रतट से 8500 फीट की ऊंचाई पर जाखू पर्वत पर हनुमान जी विराजमान हैं। इस मंदिर में आकर हनुमान जी का आशीर्वाद लिए बिना शिमला में पर्यटकों की यात्रा अधूरी मानी जाती है।
जाखू मंदिर में दशहरे का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ये मंदिर धार्मिक और एतिहासिक रूप से बहुत खास है और इसके बारे में कई अनोखी बातें प्रचलित हैं जिनके बारे में जानकर आप भी हैरान हो जाएंगें।
जाखू मंदिर शिमला की रोचक बातें
आज हम आपको जाखू मंदिर से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में जानकर आप भी अचंभित हो जाएंगें।
जाखू पर्वत पर रखा था पैर
जब युद्ध के दौरान लक्ष्मण जी के प्राणों पर बन आई थी तब हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने हिमालय की ओ आकाश मार्ग से निकले थे। रास्ते में उन्होंने तपस्या कर रहे यक्ष ऋषि से संजीवनी बूटी का परिचय प्राप्त करने का प्रयास किया। इसके लिए हनुमान जी ने जाखू पर्वत के जिस स्थान पर पैर रखा, वहां आज भी उनके पद् चिह् दिखाई देते हैं। अब हनुमान जी के पद् चिह्नों को संगमरमर से बनवाकर रखा गया है।
- जाखू मंदिर के प्रांगण में हनुमान जी की 108 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा स्थापित है जिसे आप शिमला में कहीं से भी देख सकते हैं। हनुमान जी की ये मूर्ति दुनियाभर में उनकी सबसे विशाल मूर्तियों में से एक है।
- झाकू मंदिर आए पर्यटक और श्रद्धालुओं को यहां आकर असीम शांति का अनुभव होता ह। मान्यता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।
- जाखू मंदिर से पर्यटकों और श्रद्धालुओं को सूर्योदय और सूर्यास्त का बेहद खूबसूरत नज़ारा भी दिखाई देता है। ये सौंदर्य अन्य किसी मंदिर से नहीं नज़र आता है इसलिए भी शिमला का जाखू मंदिर बहुत खास है।
- मंदिर के आसपास हज़ारों बंदर घूमते हुए दिख जाएंगें लेकिन इस मंदिर की खास बाते ये है कि हनुमान जी का स्वरूप कहे जाने वाले बंदर पर्यटकों और श्रद्धालुओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
दुनिया की सबसे ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा
दुनिया की इस सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन ने साल 2010 में किया था। हनुमान जी की की ये विशाल प्रतिमा 1.2 करोड़ रुपए में बनी है।
तो आप कब जा रहे हैं जाखू मंदिर में हनुमानजी के दर्शन करने?
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