मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी है। मुंबई के ऊपर राज करना मतलब देश की आर्थिक संसाधन पर कब्जा होना के बराबर माना जाता है। लेकिन एक इंसान था जिसने जब चाहा जैसे चाहा मुंबई को अपने इशारों पर नचाया। अगर आप नहीं जानते हैं बाला साहब ठाकरे से जुडी वो तमाम बातें तो पढ़ें इसे अंत तक।
कौन थे बाल ठाकरे?
बाल ठाकरे एक ऐसे राजनेता थे जो कभी सांसद, विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री नहीं बने लेकिन राजनीति पर उनका जबर्दस्त प्रभाव रहा। बाल ठाकरे ने अलग तरह की राजनीति करी |कभी बाल ठाकरे क्षेत्रवाद को बढ़ावा देते नजर आते थे तो कभी राष्ट्रवाद के नाम पर सुर्खियों में रहे।
· बाल ठाकरे का जन्म 23 जनवरी 1926 को हुआ था।
· बाल ठाकरे अपने करियर की शुरूआत में कार्टूनिस्ट के रूप में काम करते थे।
· बाल ठाकरे ने 1966 में मुंबई मानुष के नाम पर एक नई राजनीतिक दल का निर्माण किया।
· बाल ठाकरे हिटलर से बहुत अधिक प्रभावित थे।
· 1966 में बनी राजनीतिक दल ने सबसे पहले दक्षिण भारतीय लोगों पर हमला किया और उन्हें मुंबई छोड़ने के लिए बाध्य कर दिया।
· बाल ठाकरे मुंबई में मुंबई के लोगों के अधिकार के लिए संघर्ष करते रहे थे।
· 1980 के दशक में शिवसेना ने मुंबई नगर निगम पर कब्जा कर लिया।
· 1995 में शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया और पहली बार महाराष्ट्र में सत्ता मे आ गयी।
· 1993 में मुंबई में हुए संप्रदायिक दंगो में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने जमकर उपद्रव मचाया था।
· 1993 के दंगो के बाद बाल ठाकरे की छवि पूरे देश में एक हिंदूवादी नेता के रूप में उभरकर सामने आयी।
· बाल ठाकरे ने स्वयं मुख्यमंत्री न बनकर रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाने की बात कहीं। ठाकरे काफी बेबाक अपनी बातों को रखते थे।
· बाल ठाकरे देश के हर मुद्दों पर अपनी राय बड़े ही खुलकर रखते थे।
· शिवसेना के मुख्यपत्र सामना में बाल ठाकरे लेख लिखा करते थे जिसकी देश भर में चर्चा हुआ करती थी।
· ठाकरे अपने व्यक्तिगत रिश्तो और विवादास्पद बयान के लिये हमेशा चर्चा में रहते थे।
· बताया जाता है कि बाल ठाकरे को अपने राजनीतिक जीवन के शुरूआती समय में कांग्रेस पार्टी का खूब समर्थन मिलता रहा। कांग्रेस के समर्थन से ही ठाकरे ने अपने आप को मुंबई में स्थापित किया। हलांकि बाद के दौर में ठाकरे ने कांग्रेस की विरोधी पार्टी बीजेपी के साथ समझौता कर लिया।
· पाकिस्तान के साथ संबध के मुद्दो पर कई बार बाल ठाकरे काफी विवादित बयान देकर खूब मीडिया का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया करते थे । एक बाल ठाकरे ने हिंदू आतंकवाद के समर्थन में बयान देकर सबको चौका दिया था।
· अपनी राजनीति के शुरूआत में दक्षिण भारतीय लोगों को निशाना बनाने वाले बाल ठाकरे ने अंतिम समय में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को भी निशाना बनाया। बाल ठाकरे ने कहा था कि बिहार के लोग मुंबई के उपर एक बोझ की तरह हैं।
· महाराष्ट्र को लेकर बाल ठाकरे काफी अधिक भावुक माने जाते थे। 2007 में महाराष्ट्र की रहने वाली प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद उन्होने एन डी ए में रहते हुए भी कांग्रेस को समर्थन का ऐलान कर दिया।
बाल ठाकरे के बाद की शिवसेना
वर्ष 2012 में बाल ठाकरे का 86 वर्ष के अवस्था में देहांत हो गया। बाल ठाकरे के निधन के बाद उनकी पार्टी को राष्ट्रीय राजनीति में तवज्जो मिलनी कम हो गयी।
· 2014 के लोकसभा चुनाव में हलांकि बीजेपी और शिवसेना ने शानदार परिणाम दिये। लेकिन लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद बीजेपी ने शिवसेना को उस स्तर पर तवज्जो नहीं दी जिसकी उम्मीद शिवसेना को रही थी।
· 2015 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दोनों ही दलों का गठबंधन टूट गया। दोनों ही दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 122 सीटों पर जीत दर्ज कर के शिवसेना को काफी पीछे छोड़ दिया। बाद में एक बार फिर दोनों दलों ने मिलकर सरकार बना ली लेकिन मुख्यमंत्री का पद शिवसेना के हाथों से बीजेपी के पास चला गया।
· मुंबई में हुए निकाय चुनाव में भी शिवसेना और बीजेपी अलग- अलग चुनाव में उतरी बाद में दोनों फिर एकजुट हो गये।
· समय-समय पर शिवसेना और बीजेपी के बीच गठबंधन को लेकर विवाद होता रहा है। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से दोनों ही राजनीतिक दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।
बाल ठाकरे के जीवन पर कई फिल्मों का भी निर्माण हो चुका है।
· वर्ष 2015 में मराठी भाषा में फिल्म बालकाडू का निर्माण किया गया था।
· हाल ही में हिंदी भाषा में भी एक फिल्म का निर्माण ठाकरे के नाम से किया गया है।