आप अपने जीवन में जितनी जल्दी कैलोरी की मात्रा कम कर देते हैं आपको इसका उतना ही ज्यादा फायदा मिलता है। शोधकर्ताओं ने एक ऐसे एंजाइम की पहचान की है जो बुढ़ापे की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
स्वीडन के गुटेनबर्ग विश्वविद्यालय के कोशिका एवं आण्विक जीवविज्ञान के प्रमुख मिकेल मोलिन कहते हैं, “हम यह दिखा सकते हैं कि कैलोरी की कम मात्रा लेने से एंजाइम परॉक्सीरीडॉक्सिन अपना काम नहीं कर पाता और इससे बुढ़ापा आने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।”
‘मोलीक्यूलर सेल’ जर्नल के मुताबिक मोलिन कहते हैं, “यह एंजाइम आनुवांशिक सामग्री को क्षतिग्रस्त होने से बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।”
शोधकर्ताओं ने पूर्व में बंदरों के भोजन में विटामिंस और खनिज तत्वों की मात्रा को अप्रभावित रखकर शर्करा और प्रोटीन की मात्रा कम करके एक प्रयोग किया था। उन्होंने देखा कि ऐसा करने से बंदरों की उम्र उम्मीद से कहीं अधिक लम्बी हो गई थी।
मछलियों, चूहों, मक्खियों व कवक पर भी यह प्रयोग किया गया है और हर बार सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। कैलोरी की कम मात्रा लेने का मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पढ़ता है और इससे उम्र सम्बंधी बीमारियां देर से होती हैं।