लखनऊ ।। प्रदेश सरकार ने मुजफ्फनगर जिला अस्पताल के चिकित्सक को लापरवाही बरतने के आरोप में सोमवार को निलम्बित कर दिया। निलम्बित चिकित्सक ने अस्पताल में एक किशोर को मृत घोषित किया था जो बाद में शव विच्छेदन गृह (मोर्चरी) में होश में आ गया था।
करीब 17 वर्षीय राधे नामक किशोर चिकित्सक प्रदीप मित्तल के मृत घोषित करने के करीब 10 घंटे बाद जिला अस्पताल की मोर्चरी में उठकर बैठ गया। राधे शनिवार शाम को जिले के चरथावल थाना क्षेत्र के जंगल के पास बेहोशी की हालत में पड़ा मिला था। कुछ राहगीरों ने उसे जिला अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया था।
अस्पताल में राधे का परीक्षण करने के बाद रविवार तड़के चिकित्सक मित्तल ने उसे मृत घोषित कर वार्ड ब्वॉय से उसके शव को मोर्चरी में रखवाने का कहा।
मुजफ्फरनगर के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) आनंद स्वरूप में सोमवार को आईएएनएस को बताया कि पुलिस अस्पतालकर्मियों को साथ लेकर पोस्टमार्टम की औपचारिकताएं पूरी करने जा रही थी तभी राधे उठकर बैठ गया और अपने बारे में बताया।
स्वरूप ने बताया कि घटना की जांच के लिए गठित किए गए पैनल की रिपोर्ट के बाद चिकित्सक मित्तल को निलम्बित कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक राधे आगरा के नवरंगपुर का रहने वाला है और मुजफ्फरनगर के एक गांव में मजदूर के तौर पर नौकरी कर रहा था।
चरथावल थाना-प्रभारी पवन गौतम ने संवाददाताओं को बताया कि राधे ने बताया, “हमें किशोर के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है। हमें बताया गया है कि उसे मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। फिलहाल उसका मेरठ मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है।”