नई दिल्ली ।। बहु ब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) को लेकर संसद और संसद के बाहर बने गतिरोध को दूर करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी से बात की।
भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, “हमारे दोनों नेताओं ने प्रणब बाबू से स्पष्ट कहा कि भाजपा चाहती है कि सरकार इस फैसले को वापस ले और सरकार को इस पर अपना रुख भी स्पष्ट करना चाहिए।”
प्रसाद ने कहा, “उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री से बात करेंगे और फिर उससे भाजपा नेताओं को अवगत कराएंगे। इसके बाद प्रणब मुखर्जी से कोई बात नहीं हुई है।”
सूत्रों के मुताबिक मुखर्जी ने येचुरी से भी बात की। सूत्रों का कहना है कि येचुरी ने इस विवाद पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को दावा किया था कि केंद्र सरकार एफडीआई के फैसले को तब तक लागू नहीं करेगी, जब तक कि इस पर आम सहमति नहीं बन जाती।