शिलांग ।। निर्वाचन आयोग देश की चुनाव प्रणाली से अपराधी प्रवृत्ति वाले उम्मीदवारों को दूर करने के लिए ‘राइट टू रिजेक्ट’ के पक्ष में है। निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
निर्वाचन आयुक्त एच.एस. ब्रह्मा ने आईएएनएस से कहा, “निर्वाचन आयोग ‘राइट टू रिजेक्ट’ पहल का स्वागत करता है लेकिन ‘राइट टू रिकॉल’ का नहीं, क्योंकि यह राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने के साथ ही विकास की गतिविधियों को प्रभावित करेगा।”
उन्होंने कहा कि आयोग ने दिसम्बर 2001 में सरकार से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में ‘इनमें से कोई नहीं’ विकल्प शामिल करने का प्रस्ताव दिया था ताकि मतदाता इसका इस्तेमाल कर सकें।