छाछ जिसे अंग्रेज़ी में बटर मिल्क के नाम से जाना जाता है, वो अमृत तो नहीं लेकिन उससे कुछ कम भी नहीं है। मेरा मानना है कि जिस तरह खिचड़ी को भारत की सरकार ने राष्ट्रीय भोजन होने का मान दिया है उसी तरह छाछ को अब अमृत घोषित कर देना चाहिए।
छाछ जो कि दूध से बनती है उसके अनेकों लाभ होते हैं। जिन–जिन राज्यों में भीषण गरमी पड़ती है वहाँ तो लोग छाछ पीकर ही अपने आपको गरमी के प्रकोप से बचाकर रखते हैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश के लोगों का तो छाछ के बिना भोजन ही अधूरा है।
छाछ है अमृत समान
इधर उधर की बातें ना करते हुए आइए जानते हैं कि क्यों 2018 में भारत सरकार को छाछ को अमृत का दर्जा दे देना चाहिए।
#1 गरमी से बचाती है छाछ
जैसा कि मैंने पहले भी बताया कि छाछ पीने से आप अपने शरीर को गरमी के प्रकोप से बचा सकते हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश और आस पास के सभी राज्यों में जहाँ भीषण गरमी पड़ती है वहाँ छाछ का इस्तेमाल बहुत ज़्यादा होता है।
राबड़ी का नाम तो आपने सुना ही होगा जो छाछ की वजह से ही बेहतर बनती है। राबड़ी में अगर दूध मिलाकर पिया जाए तो उसमें वो बात नहीं रह जाती।
अगली बार जब आप राजस्थान या मध्य प्रदेश घूमने जाएँ तो वहाँ अपने किसी मित्र के घर पर अपने आपको बिना बुलाए ही आमंत्रित कर लें और उनसे ज़बरदस्ती मक्के की राबड़ी को छाछ के साथ मिलाकर देने का अनुरोध करें।
मैं 100 रूपये की शर्त लगाने को तैयार हूँ की आप उसको पीने के बाद ऐसा महसूस करेंगे जैसा देवताओं ने अमृत पीकर किया होगा।
#2 पेट की बीमारियों के लिए रामबाण है छाछ
अगर आपका पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता है और आपको आए दिन पेट से जुड़ी समस्याएँ रहती हैं तो रोजाना छाछ पीने से आपको बड़ी राहत मिलेगी।
छाछ में आप काली मिर्च, भुना हुआ जीरा और काला नमक मिलाकर खाने के साथ या फिर खाना खाने के बाद ज़रूर पिएँ। इससे आपको पेट से जुड़ी समस्याओं में बड़ी राहत मिलेगी।
#3 रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है छाछ
छाछ में मौजूद तत्वों की वजह से जो लोग इसका रोजाना सेवन करते हैं उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक होती है। छाछ बहुत सी बड़ी बीमारियाँ जैसे की बवासिर, पीलिया और पित्ती को ठीक करने में पूरी तरह सक्षम है।
- यदि आप मोटापे से परेशान हैं तो एक गिलास छाछ में एक चम्मच त्रिफला चूरण को मिलाकर पिएँ।
- आँखों को स्वस्थ रखने के लिए भी छाछ का सेवन किया जा सकता है।
- और तो और रोज़ाना छाछ पीने से वीर्य में वृधि भी होती है।
#4 हैंगोवर ठीक करने का देसी तरीका है छाछ
यदि आपने रात में बहुत ज़्यादा मदिरा का सेवन किया है तो अगले दिन आपको हैंगोवर से दो हाथ करने ही पड़े होंगे। जहाँ बड़े शहरों के लोग हैंगोवर ठीक करने के लिए तरह–तरह की दवाओं का सेवन करते हैं वहीं छोटे शहरों के लोग सिर्फ़ छाछ पीकर ही अपने दिमाग को हैंगोवर से बचा लेते हैं।
इसी वजह से छोटे शहरों से आइंस्टिन, न्यूटन और टेस्ला जैसे वैज्ञानिकों के पुनर्जन्म होने की ख़बरें आती रहती हैं। हाल ही में जन्मी श्रीदेवी जी के बारे में तो आपको याद ही होगा।
आपकी क्या राय है?
मेरे हिसाब से उपर्युक्त बताए हुए कारण बहुत हैं छाछ को अमृत घोषित करने के लिए। यदि आप मेरी बातों से सहमत हैं तो इस बात को इतना शेयर करें की यह जानकारी दूर देशों में बैठे उन भारतियों तक भी पहुँच जाए जो छाछ को अब बटर मिल्क कहकर बुलाते हैं।
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