पूरे देश में जगह जगह एटीएम पर नो कैश के बोर्ड लगे दिख जा रहे हैं। कुछ एटीएम के तो शटर भी डाउन हो गए हैं। कैश की दिक्कत इस कदर हो रही है कि जिस एटीएम में कैश होता है वहां लंबी लाइनें लग जा रही हैं और देखते ही देखते कैश खत्म हो जा रहा है।
ऐसे में पूरा देश जानना चाहता है कि ये क्यों हो रहा है। लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा है जिस पर यकीन किया जा सके। सत्ता पक्ष इसे सामान्य बात बोल रहा है और कह रहा है कि देश में कोई कैश की कमी नहीं हुई है। कैश पर्याप्त है। एटीएम खाली होने का कारण जमाखोर हैं और इसमें विपक्ष की चाल है। लेकिन विपक्ष सिर्फ बड़ी बड़ी बातें बोल कर इस कैश की कमी के लिए सरकार को जिम्मेदार मान रहा है।
सरकार के साथ–साथ आर बी आई भी इस मामले में कह रहा है कि देश में कैश की कोई कमी नहीं है। लेकिन हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च रिपोर्ट सरकारी दावों के एकदम उलट आई है जिसमें कहा गया है कि देश में 70 हजार करोड के कैश की कमी है। एसबीआई के अनुसार देश में कैशलेस लेन–देन के अचानक घटने से यह स्थिति पैदा हुई है।
जो भी हो इस आर्थिक संकट से सामान्य जनमानस को परेशानी हो रही है। सरकार का यह दायित्व है कि इस पर लीपा पोती न करे और जनता को बताए कि ऐसा क्यों है और कब तक स्थिति सुधरेगी।
हिंदी जगत से जुड़ी ऐसी अनोखी जानकारी पाने के लिए like करें हमारा Facebook पेज।