भारत का चुनाव आयोग देश की राजनीतिक पार्टियों को मान्यता प्रदान करता है, क्या आप जानते हैं राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए क्या अर्हता होती है? चुनाव आयोग किस आधार पर राजनीतिक दलों की समीक्षा करता है? राष्ट्रीय पार्टी को क्या -क्या लाभ मिलते हैं?
अगर आप इन तमाम बातों को जानना चाहते हैं तो आप को यह पढ़ना चाहिए।
निर्वाचन आयोग क्या है?
भारत में चुनावी प्रक्रिया को चलाने के लिए एक आयोग का गठन किया गया जो समय-समय पर होने वाले चुनावों का आयोजन करता है। इसकी स्थापना 25 जनवरी 1950 को की गयी थी। यह राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर काम करती है। राष्ट्रीय स्तर पर इसके अधिकारी को मुख्य निर्वाचन अधिकारी कहा जाता है। चुनाव के कुछ दिन पुर्व चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव आचार संहिता लगा दिया जाता है। जिस समय चुनाव आयोग चुनाव की तैयारी करता है और राजनीतिक दल अपना प्रचार करते हैं।
राष्ट्रीय पार्टी क्या होती है?
चुनाव आयोग न सिर्फ चुनाव का आयोजन करवाती है बल्कि उसके परिणामों की समीक्षा भी करती है। चुनाव के बाद चुनाव आयोग देखती है कि किस राजनीतिक पार्टी ने कितने मत प्राप्त किया और उसका विभिन्न राज्यों में कैसा प्रदर्शन रहा है।
उपरोक्त बातों को ध्यान में रखकर चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय पार्टी के लिए कुछ अर्हता तय की है।
राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए राजनीतिक पार्टी के निम्न में से किसी एक शर्त को पूरा करना होता है।
- राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता प्राप्त करने के लिए किसी भी पार्टी को लोकसभा की 4 सीटों के अलावा 4 अलग-अलग राज्यों में कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्त करने चाहिए।
- राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए किसी भी तीन राज्यों में लोकसभा की 2 प्रतिशत सीटे जीतना भी एक अहर्ता है अगर इसे भी पूरा कर लिया गया तो उस राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल का मान्यता मिल जाएगा।
- कम से कम 4 राज्यों में पार्टी को क्षेत्रिय दल के रूप में मान्य्ता प्राप्त होनी चाहिए। 15 अप्रैल 2019 को चुनाव आयोग के द्वारा जारी किये गए डाटा के अनुसार भारत में वर्तमान में 7 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल है।
- भारतीय जनता पार्टी
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी
- बहुजन समाज पार्टी
- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
- भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी
- मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी
- अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस
राष्ट्रीय दलों के अलावा कुछ राजनीतिक पार्टियों को क्षेत्रीय पार्टी का भी दर्जा दिया जाता है।
क्षेत्रीय या राज्य स्तर की पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए निम्न में से किसी एक शर्त को पूरा करना होता है।
- राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए किसी भी राजनीतिक दल को कम से कम विघानसभा की कुल सीटों में से 3 प्रतिशत सीटों पर या कम से कम 3 सीटों पर जीत दर्ज करनी होती है।
- लोकसभा चुनाव में कम से कम एक लोकसभा सीटों पर उसे जीत दर्ज करनी ही चाहिये।
- लोकसभा चुनाव में उसे उस राज्य में कम से कम 6 प्रतिशत मत जरूर प्राप्त होने चाहिए।
लगातार चलने वाले चुनावी प्रक्रिया के कारण राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों की सख्या में परिवर्तन होते रहता है।
राष्ट्रीय दलों के रूप में मान्यता मिलने से क्या-क्या फायदा है।
- अगर किसी भी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलता है तो वो पूरे देश में किसी भी चुनाव में अपने चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ सकती है। अगर पार्टी राष्ट्रीय नहीं है तो उसके चुनाव चिन्ह को किसी दूसरी पार्टी को भी निर्गत किया जा सकता है।
- राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद दलों को राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार में फायदा होता है।
- राष्ट्रीय पार्टी को चुनाव में 40 स्टार प्रचारक को उतारने की अनुमती होती है। बाकी दलों को अधिक से अधिक 20 ही स्टार प्रचारक की अनुमती होती है।
- राष्ट्रीय पार्टी देश की किसी भी कोणे में अपना पार्टी कार्यालय बना सकती है।
भारत की चुनाव आयोग पहले 5 वर्ष में इसकी समीक्षा करती थी लेकिन अब वो 10 वर्ष में ही इसकी समीक्षा करने लगी है।
हाल ही में चुनाव आयोग ने कुछ राजनीतिक पार्टियों को अपने प्रदर्शन में सुधार करने को कहा था अन्यथा उनकी मान्यता को खत्म करने की बात कहीं गयी थी।
राष्ट्रीय पार्टी के लिस्ट में अभी जो भी नाम हैं वो 2026 तक बने रहेंगे। हलांकि नये दलों को उनके प्रदर्शन के आधार पर इस लिस्ट में जोड़ा जा सकता है।