मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि “सचिन भी बेमिसाल खिलाड़ी हैं, लेकिन मेजर ध्यानचंद ने भी पूरी दुनिया में देश का मान बढ़ाने का काम किया है। लिहाजा ध्यानचंद को मरणोपरांत खेलों के क्षेत्र में भारत रत्न दिया जाना चाहिए।” यह बातें इन्होंने प्रशिक्षु जेल प्रहरियों के प्रशिक्षण के दीक्षांत समारोह में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही।
गौरतलब है कि सचिन द्वारा वन डे इतिहास में पहला दोहरा शतक लगाने के बाद से उनको खेलों के क्षेत्र में भारत रत्न दिए जाने की मांग तेज हो गई है। उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को एक सिफारिश भी भेजी है कि खेलों को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न में एक श्रेणी के रूप में शामिल कर लिया जाए।
संभव है कि इसके बाद क्रिकेट के विश्व रिकॉर्डधारी सचिन तेंदुलकर को अगले साल भारत रत्न का सम्मान दिया जा सकता है।
वर्तमान में भारत रत्न पुरस्कार में खेलों के लिए कोई श्रेणी नहीं है। इस कारण से सचिन की दावेदारी को बल नहीं मिलता। केंद्रीय खेल मंत्री अजय माकन भी हाल ही में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सचिन को भारत रत्न से सम्मानित करने की मंशा जता चुके हैं।