चेन्नई ।। तमिलनाडु में गुरुवार को ‘डेम 999’ फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। फिल्म में सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन मुलापेरियार बांध मामले में केरल की वकालत की गई है। इस वजह से तमिलनाडु में इसका काफी विरोध किया जा रहा था।
मुख्य सचिव देबरनाथ सारंगी ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है, “‘डेम 999’ एक ऐसी फिल्म है, जिसके चलते मुलापेरियर बांध को लेकर लोगों में डर व्याप्त हो गया है। इसके तमिलनाडु में प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है।”
इस फिल्म का प्रदर्शन शुक्रवार को होना था लेकिन द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), मारूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके), पत्ताली माक्कल काची (पीएमके) व अन्य राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे थे।
राज्य सरकार की ओर से इस फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाए जाने से एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री जे.जयललिता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अनुरोध किया था कि केरल सरकार को एक नया बांध बनाने की इजाजत न दी जाए और न ही जनता में मुलापेरियार बांध की सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार का खतरा पैदा होने दिया जाए।
तमिलनाडु फिल्म एक्जीवीटर्स एसोसिएशन ने बुधवार को घोषणा की थी कि उसके सदस्य इस फिल्म का प्रदर्शन नहीं करेंगे।
मुलापेरियार बांध को लेकर केरल व तमिलाडु की सरकारों के बीच विवाद है। साल 1886 में त्रावणकोर के महाराज व ब्रिटिश प्रशासन के बीच एक सहमति पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद बांध का निर्माण हुआ था।
यह बांध केरल के इडुक्की जिले में स्थित है। तमिलनाडु इसके पानी का इस्तेमाल करता है। तमिलनाडु चाहता है कि उसकी सिंचाई आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बांध की ऊंचाई 136 फीट (41.5 मीटर) से बढ़ाकर 142 फीट (43 मीटर) कर दी जाए।
केरल नए बांध के निर्माण की इजाजत चाहता है। उसका कहना है कि वर्तमान बांध बेकार हो गया है।
बुधवार को डीएमके अध्यक्ष व तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने कहा था कि जब दोनों राज्यों के बीच मुलापेरियार बांध को लेकर झगड़ा चल रहा है तो इस विवादास्पद फिल्म को प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए।