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भारत, म्यांमार के बीच बैंकिंग सहयोग समझौते की वकालत

नई दिल्ली ।। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा है कि भारत और म्यांमार को दोतरफा निवेश और व्यापार बढ़ाने के लिए बैंकिंग एवं वित्तीय सहयोग सम्बंधी एक समझौते को अंजाम दे देना चाहिए।

सीआईआई की एशियाई क्षेत्रीय समिति के अध्यक्ष, संजय किर्लोस्कर ने सोमवार को एक रपट में कहा, “भारतीय पूर्वोत्तर राज्यों के जरिए भारत, आसियान और पूर्व एशिया के बीच म्यांमार एक सेतु का काम करता है, और भारतीय कम्पनियों के लिए निवेश का बड़ा अवसर प्रदान करता है।”

किर्लोस्कर ब्रदर्स के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक किर्लोस्कर ने कहा कि भारतीय कम्पनियां म्यांमार के ऊर्जा, वानिकी, और खनिज क्षेत्रों में अच्छे व्यापारिक अवसर देख रही हैं।

रपट में सीआईआई ने सिफारिश की है कि दोनों देशों के बीच अधिक आर्थिक सम्पर्को के लिए सीमा व्यापार एवं निवेश की सुविधा सुनिश्चित कराने के साथ ही सेवा एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी सुनिश्चित कराना होगा।

रपट में कहा गया है, “दोनों देशों को चाहिए कि वे बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाओं पर एक समझौते को अंजाम दें, ताकि निजी क्षेत्र के बीच अधिक आदान-प्रदान सुनिश्चित हो सके।”

द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के मद्देनजर सीआईआई केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा म्यांमार स्थित भारतीय दूतावास के साथ मिलकर यंगून में चार दिवसीय व्यापार मेले का आयोजन कर रहा है, जो सोमवार से शुरू हुआ है।

किर्लोस्कर के नेतृत्व में 30 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल इस आयोजन में हिस्सा ले रहा है।

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