इसने 2010 में 29 अरब डॉलर के हथियार खरीदे, जो भारत [17 अरब डॉलर] और चीन [13.2 अरब डॉलर] को हथियारों की खरीद के मामले में पीछे छोड़ने के लिए काफी है। मिस्र ने इस दौरान 12.1 अरब डॉलर के और इजरायल ने 10.3 अरब डॉलर के हथियार खरीदे।
वहीं, हथियार बेचने के मामले में अमरीका सबसे आगे रहा। अमरीका ने विकासशील देशों को कुल 60 अरब डॉलर के हथियार बेचे। इसकी तुलना में रूस ने 38, ब्रिटेन ने 19, फ्रांस ने 12.3, चीन ने 11.6, जर्मनी ने 6.2 और इजरायल ने 3.5 अरब डॉलर की हथियारों की बिक्री की, जो अमरीका की तुलना में काफी कम है। इस रिपोर्ट से यह साफ होता है कि एक हथियार बिक्रेता देश के रूप में अमरीका को टक्कर देने वाला कोई नहीं है।
इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आने वाले समय में रूस को हथियार बिक्री के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि दूसरे देश उसे इस मामले में कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार हैं। गौरतलब है कि रूस भारत के साथ सबसे अधिक हथियारों की बिक्री का कारोबार करता है।