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महिला डिब्बे में घुसने वाले पुरुषों से डीएमआरसी ने वसूले 11 लाख रुपये

नई दिल्ली ।। दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी) ने एक वर्ष में मेट्रो रेलगाड़ियों में महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने वाले 4,000 पुरुषों से 11 लाख रुपये जुर्माना के तौर पर वसूला है। यह जानकारी मंगलवार को एक अधिकारी ने दी।

डीएमआरसी ने दो अक्टूबर 2010 में प्रत्येक रेलगाड़ी के पहले डिब्बे को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया था। तब से आए दिन पुरुष यात्री लगातार आरक्षित डिब्बों में यात्रा करते रहे हैं।

डीएमआरसी के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, “पिछले वर्ष अक्टूबर से लेकर इस साल 31 अगस्त तक कुल 4289 पुरुष महिला आरक्षित डिब्बों में अनाधिकृत तरीके चढ़े। उनसे जुर्माना के तौर पर 10,72,250 रुपये वसूले गए। जुर्माना लगाने का डीएमआरसी का कदम सफल रहा।”

डीएमआरसी ने इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर 200 रुपये का जुर्माना लगाने का निर्णय किया था। महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने वाले कई पुरुषों को पुलिस द्वारा धक्का मारकर बाहर निकाले जाने की घटना के बाद 25 नवम्बर 2010 से जुर्माने की राशि में 50 रुपये की वृद्धि कर दी गई थी।

अधिकारी ने कहा, “हम खास तौर पर महिला यात्रियों को एक लघुपत्र देते हैं जिसमें डीएमआरसी और नजदीकी पुलिस स्टेशनों का हेल्पलाइन नम्बर होते हैं। इसके अलावा सभी यात्री डिब्बों में लगे आपात अलार्म को दबाकर रेलगाड़ी के चालक को सूचनाएं दी जा सकती हैं।”

‘बंच डोमिनेशन ग्रुप’ के नाम से एक अभियान चलाया गया है जिसमें केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की महिला सदस्य, दिल्ली मेट्रो रेल पुलिस के साथ-साथ डीएमआरसी के कर्मचारी दोषियों को पकड़ने के लिए महिला डिब्बे में अक्सर चढ़ते रहते हैं।

सीआईएसएफ के प्रवक्ता रोहित कुमार ने आईएएनएस को बताया, “इस अभियान को करीब दो महीने पहले चलाया गया।”

डीएमआरसी के मुताबिक काम के दिनों में रोजाना करीब 4.5 लाख महिलाएं मेट्रो से यात्रा करती हैं जबकि सप्ताहांत में यात्रा करने वाली महिलाओं की यह संख्या घटकर 3.25 लाख हो जाती है।

दिल्ली मेट्रो की रेलगाड़ियां रोजाना 2000 फेरे लगाती हैं जिससे प्रतिदिन 18 लाख से ज्यादा यात्री अपने गंतव्य तक जाते हैं। दिल्ली मेट्रो के तीसरे चरण का काम पूरा हो जाने पर इससे रोजाना यात्रा करने वालों की संख्या बढ़कर 30 लाख हो जाएगी। वर्ष 2016 के आरम्भ तक इसके पूरा होने की सम्भावना है।

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