Hindi7.com ।। जब आप न चाहते हुए भी गलतियीं कर देते हैं, कोई चीज कहीं रख कर भूल जाते हैं, चिड़चिड़ापन, झल्लाहट जैसे लक्षण आपके अंदर हैं तो यह मान कर चलिए कि आपका दिमाग अपनी जगह पर नहीं है। बुरा मत मानिए, यह सच है कि जब हमारा दिमाग डिस्टर्ब रहता है तो, हम हर काम में कुछ-न-कुछ गलती कर बैठते हैं। इसलिए यह जरुरी हो जाता है कि योग और ध्यान जैसी अवधारणाओं को महत्व दिया जाए और इनको अपने जीवन में स्थान दिया जाए।ध्यान, योग का एक बहुत ही प्रभावकारी अंग है जिसे पूरा विश्व मानता रहा है। इस प्रक्रिया में सुदूर एशिया में योग विद्या में ध्यान के महत्व को कई सालों से समझा जा चुका है, और अब तो पश्चिमी मनोवैज्ञानिक, न्यूरॉलॉजिस्ट इस तथ्य को मानने लगे हैं कि ध्यान न केवल मनस्थिति को बेहतर बनाता है, बल्कि दिमाग की संरचना भी बदलता है। 1970 में जब अमेरिका के मनोवैज्ञानिक रिचर्ड डेविडसन ने कहा कि वह ध्यान की ताकत पर शोध करना चाहते हैं, तो उन्हें हंसी में टाल दिया गया। पर आज ऐसा नहीं है, ध्यान का महत्व धीरे-धीरे बढता जा रहा है। आइए हम आपको बता दें कि ध्यान धरने के क्या लाभ हैं।

ध्यान से आपके शरीर, मन और आत्मा को अनगिनत लाभ मिलते हैं। ध्यान में आप जिस विश्राम का अनुभव करते हैं, वह गहरी से गहरी नींद से भी अधिक लाभदायक होता है। आपका विश्राम जितना गहरा होता है, आपकी कार्यक्षमता में उतनी ही अधिक वृद्धि होती है।

ध्यान से तनाव-मुक्ति

ध्यान से दो महत्वपूर्ण लाभ मिलते हैं:

ध्यान से तनाव के दुष्प्रभाव आपके भीतर घर नहीं बना पाते हैं।

ध्यान से आपके भीतर जो तनाव एकत्रित था, उससे मुक्ति मिल जाती है। ये दोनों ही प्रक्रियायें साथ साथ चलती हैं, आप अपने वास्तविक प्रेम-स्वरूप को जान जाते हैं।

ध्यान से शरीर को लाभ

ध्यान करने से आपके शरीर की एक एक कोषिका के भीतर प्राण शक्ति का संचार होता है। शरीर में प्राण शक्ति बढ़ने से आपको आनंद का अनुभव होता है।

शारीरिक स्तर पर ध्यान के लाभ

उच्च रक्तचाप नियंत्रित होता है।

रक्त में lactate की मात्रा कम कर के चिंता की रोकथाम होती है। तनाव की वजह से शरीर में हो रहे दर्द मिटते हैं, जैसे कि चिंता की वजह से सिरदर्द, अल्सर, अनिद्रा, मांस-पेशियों और हड्डियों की समस्यायें। सेरोटिन का उत्पादन बढ़ जाता है जिस से आपके व्यवहार और मूड में सुधार होता है। शरीर में प्रतिरक्षण क्षमता की वृद्धि होती है। आप स्फूर्ति से भर जाते हैं, क्योंकि आप भीतरी ऊर्जा स्रोत से जुड़ जाते हैं।

ध्यान से मन को लाभ

ध्यान करने से दिमाग की तरंगें (brainwave pattern) alpha state में आ जाती है, जिससे कि स्वस्थ होने में सहायता मिलती है। आपका मन तरोताज़ा, कोमल और सुंदर हो जाता है।

ध्यान के नियमित अभ्यास से लाभ

आपकी चिंतायें कम हो जाती हैं। आप भावनात्मक रूप से सुदृढ़ बन जाते हैं। आनंद में वृद्धि होती है। अंतर्ज्ञान की शक्ति में वृद्धि होती है। आपकी बुद्धि तीक्ष्ण बनती है। मन की शांति प्राप्त होती है आपकी समस्यायें छोटी हो जाती हैं। ध्यान से आप इस तथ्य के प्रति सजग हो जाते हैं कि सुख आपके भीतरी मनोभाव पर ही आधारित है। ध्यान से आपके भीतर सामंजस्य आता है।

जब भी आप भावनात्मक रूप से अस्थिर और परेशान हो जाते हैं, या घुटन महसूस करते हैं, तो ध्यान आपको भीतर से स्वच्छ और निर्मल करता है, आपको शांत करता है। ध्यान से आपकी प्रतिभायें प्रकट होती हैं। जब आप ध्यान करते हैं तो आप शांति और प्रेम के उस विस्तृत क्षेत्र में होते हैं, तब आपसे कुछ तरंगे निकलती हैं। आप अपने भीतर तो सामंजस्य लाते ही हैं, साथ ही सृष्टि की समस्त सूक्ष्म परतों को भी प्रभावित करते हैं। ब्रह्माण्ड की चेतना आप में प्रकट होने लगती है।

ध्यान को जीवन का दैनिक भाग बनाकर, चेतना की पाँचवी सतह जिसे ब्रह्माण्ड की चेतना कहते हैं, आपके अनुभव में आने लगती है। ब्रह्माण्ड की चेतना का अर्थ है संपूर्ण ब्रह्माण्ड को अपना अंग जानना। जब आप पूरी दुनिया को अपना ही हिस्सा समझते हैं तो दुनिया और आप के बीच प्रेम का अधिक संचार होता है। इस प्रेम से आप को अपने जीवन में क्रियाशील उन विपरीत शक्तियों से निपटने की शक्ति मिलती है जो कि जीवन में उथल पुथल पैदा करती हैं। क्रोध और निराशा जैसी भावनायें चुटकियों में चली जाती हैं। आप भूतकाल में जीना छोड़ कर वर्तमान क्षण में जीने लगते हैं। जीवन में ज्ञान, समझ और अभ्यास के संगम से पूर्णता आती है। जब आप चेतना के ऊँचे स्तर पर जीने लगते हैं तो आप शक्तिशाली और सुंदर हो जाते हैं। एक फूल जैसे कोमल, और जीवन में कई सदगुणों को अपने भीतर संजो कर रख पाते हैं।

इससे लाभ कैसे उठायें

ध्यान के लाभ प्राप्त करने के लिये नियमित अभ्यास आवश्यक है। इसमें कुछ ही समय लगता है। एक बार दिनचर्या में शामिल हो जाने पर ध्यान का समय आप के दिन का सबसे बढ़िया समय बन जाता है! ध्यान एक बीज जैसा है। जब आप प्रेम से एक बीज का रोपण करते हैं, तो वो खिल उठता है। उसी प्रकार चेतना का अंकुर आपके भीतर भी है। बस ध्यान की सरल प्रक्रिया से उसका पोषण करने की आवश्यकता है। कुछ किस्म के ताड़ वृक्ष 3 साल के बाद फल देते हैं, कुछ 10 साल के बाद फल देते हैं और, जिन वृक्षों का पोषण ना किया जाए, वो कभी फल नहीं देते! उनका केवल अस्तित्व ही होता है।

ध्यान चेतना की एक स्थिति है। ध्यान के लाभ के बारे में पढ़ने से आप को असल प्रभाव की सिर्फ़ एक झलक ही मिल सकती है। अब समय आ गया है कि आप भी ध्यान करना शुरु कर दें। जीवन के हर क्षेत्र के व्यस्त लोग प्रतिदिन ध्यान के कुछ पलों के लिये शुक्रगुज़ार होते हैं जो उन्हें तरोताज़ा कर देते हैं। अपने भीतर गहरे जाकर देखिये, और अपने जीवन को समृद्ध बनाइये। व्यस्त जीवन में तोड़ सा समय ध्यान के लिए निकाल कर देखें, आपकी परफौर्मेंस में सुधार आएगा ऐसा हमारा यकीन है।

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