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अन्ना के रंग में रंगे एनआरआई, भारतीय दूतावासों के सामने कर रहे हैं प्रदर्शन

वॉशिंगटन ।। अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की पहचान बनी गांधी टोपी को बनाने के लिए भारतीय अमेरिकियों ने अपना अलग तरीका इजाद किया है। श्रीकांत कोचर लाकोटा ने “यूट्यूब” पर करीब चार मिनट का एक वीडियो “हाउ टू मेक गांधी टोपी एट होम” डाला है।

अमेरिका में रह रहे भारतीय अखबारों और रसोई में साफ सफाई के लिए प्रयोग किए जाने वाले कागजों से टोपियां बना रहे हैं। यह गांधी टोपी भ्रष्टाचार के खिलाफ इस आंदोलन का अहम हिस्सा बन गई है और लोग अमेरिका में हजारे के समर्थन में जगह जगह हो रही विरोध रैलियों में शामिल होने से पहले यह टोपी लगाना नहीं भूल रहे हैं।

भारतीय दूतावास के सामने अपने दोस्तों के साथ प्रदर्शन कर रहे आशुतोष गुप्ता ने कहा कि “इस गांधी टोपी को बनाना आसान है।” गुप्ता ने भारतीय अमेरिकियों को भेजे ईमेल में कहा है कि “कागज के टुकड़े से गांधी टोपी बनाइए। करीब चार मिनट की वीडियो में गांधी टोपी बनाने की प्रक्रिया को पूरी तरह से समझाया गया है।”

फेसबुक पर रघु नंदगिरि ने अपने कमेंट में लिखा है कि “अन्ना, गांधी टोपी बनाना बहुत आसान है। मैंने तुम्हारे तरीके के अनुसार कोशिश की। गांधी टोपी पहनकर भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का जज्बा बढ़ता रहेगा।”

अन्ना की आंधी का असर अब भारत के बाहर भी होने लगा है। उनके समर्थन में ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले कई भारतीय नागरिकों ने मेलबर्न और सिडनी में रविवार को रैलियां निकालीं। लगभग 70 युवाओं का एक समूह भ्रष्टाचार के खिलाफ नारेबाजी और देशभक्ति गीत गाते हुए मेलबर्न में एकत्रित हुआ। युवा भारतीय छात्र साहिल कंसल ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपना समर्थन जताते हुए कहा कि “मैं अपने देश को भ्रष्टाचार से मुक्त देखना चाहता हूं, इसलिए मैं यहां पर आया हूं। यद्यपि हम अपनी मातृभूमि से दूर हैं, लेकिन एक भारतीय के रूप में हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम इसका समर्थन करें।” इस रैली में कई अन्य भारतीय भी शामिल हुए। सभी ने अपने हाथ में हजारे के समर्थन में बैनर ले रखे थे।

भारतीय समाचार पत्र निकालने वाले मेलबर्न के नीरज नंदा ने कहा कि “पूरे विश्व में रहने वाले भारतीय युवाओं में भ्रष्टाचार को लेकर बहुत निराशा और गुस्सा है, इसलिए वे इसे समाप्त करने के लिए इतना उत्साह दिखा रहे हैं।”

अमेरिका के विभिन्न शहरों में भारतीय मूल के लोग बड़ी संख्या में भ्रष्टाचार के विरोध और जन लोकपाल की मांग को लेकर अनशन पर बैठे। इसके अलावा लोग गांधीवादी अन्ना हजारे के समर्थन में सभाएं कर रहे हैं। सभी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से आग्रह किया है कि उन्हें हजारे की मांग के मुताबिक कदम उठाना चाहिए।

इंडियन अमेरिकन कम्यूनिटी के प्रवक्ता आशुतोष गुप्ता ने कहा है कि “बीते कुछ दिनों के दौरान कोई सकारात्मक प्रगति नहीं हुई है। अन्ना के साथ खड़े लोग स्पष्ट तौर पर जानते हैं कि वे क्या चाहते हैं, लेकिन सरकार अब भी असमंजस में है। यह संगठन वॉशिंगटन में भारतीय दूतावास के सामने बीते पांच दिनों से विरोध प्रदर्शनों का आयोजन कर रहा है।” विरोध प्रदर्शन में अपने बेटे के साथ शिरकत करने वाले 83 साल के विशालाक्षी राजन ने कहा कि “हम सब यहां अन्ना को समर्थन देने के लिए खड़े हैं। हम सरकार को बताना चाहते हैं कि उसे अन्ना की मांगें तत्काल मान लेनी चाहिए।”

शिकागो में रविवार को एक रैली निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों ने भाग लिया। शिकागो में रुक-रुककर हो रही बारिश के बावजूद सिर पर गांधी टोपी और हाथों में तख्तियां लेकर लोग हजारे के समर्थन में नारे लगा रहे थे। एसोसिएशन फॉर इंडिया डेवलपमेंट की शिकागो इकाई और इंडिया अगेंस्ट करप्शन के संयुक्त तत्वावधान में इस रैली का आयोजन किया गया।

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