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न्यूयार्क में श्रमिकों को धर्म आधारित संरक्षण

न्यूयार्क ।। न्यूयार्क सिटी के मेयर माइकल ब्लूमबर्ग ने सामुदायिक संगठन, सिख कोलिशन द्वारा पेश किए गए एक विधेयक पर हस्ताक्षर कर उसे कानून में तब्दील कर दिया है। इस कानून में यहां कार्यरत कमचारियों को धर्म आधारित संरक्षण मुहैया कराने का प्रावधान है।

संगठन के सहसंस्थापक एवं कार्यक्रम निदेशक, अमरदीप सिंह ने कहा, “यह नया कानून इस व्यवस्था को सुनिश्चित कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है कि सिखों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को गलत तरीके से नौकरियों से वंचित नहीं रखा जा सकेगा।”

‘वर्कप्लेस रिलीजियस फ्रीडम एक्ट’ (कार्यस्थल धार्मिक आजादी अधिनियम) नामक यह नया कानून, कानूनी मानक बदल देगा, जिसके जरिए अदालतें न्यूयार्क सिटी में कार्यस्थल पर होने वाले धार्मिक भेदभाव के दावों की समीक्षा करेंगी।

शहर के पूर्व कानून के तहत नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों की धार्मिक प्रथाओं के लिए उचित बंदोबस्त मुहैया कराना पड़ता है। लेकिन नियोक्ता यह बता कर इस अनिवार्यता को दरकिनार कर सकते हैं कि इस तरह की व्यवस्था से थोड़ी कठिनाई होगी।

संगठन ने कहा है कि नया कानून भी नियोक्ताओं को यह अधिकार देता है कि वे धार्मिक बंदोबस्त मुहैया कराने से इंकार कर सकते हैं, लेकिन उन्हें यह साबित करना होगा कि इस तरह की व्यवस्था करने से बड़ी कठिनाई खड़ी होगी या बड़ा खर्च बैठेगा।

कोलिशन ने कहा है कि मौजूदा कानून सिखों को न्यूयार्क सिटी पुलिस विभाग में तबतक काम करने की स्वीकृति नहीं देता, जबतक कि वे अपनी पगड़ी न उतार दें।

इसी तरह जो सिख एवं मुस्लिम कर्मचारी मेट्रोपॉलिटन ट्रांजिट अथॉरिटी में काम करते हैं, उन्हें अपनी पगड़ी पर अथॉरिटी का लोगों लगाना अनिवार्य होता है।

कोलिशन ने कहा है कि नया कानून हालांकि मेट्रोपॉलिटन ट्रांजिट अथॉरिटी व न्यूयार्क सिटी पुलिस विभाग को इस बात के लिए बाध्य नहीं करता कि वे सिखों को उनके पूर्ण धार्मिक पहचानों के साथ स्वीकार करें, बल्कि यह एक ऐसा कानूनी ढाचा तैयार करता है, जिसके कारण यहां नौकरियों में उनकी लगातार उपेक्षा कर पाना बहुत कठिन हो जाएगा।

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