क्या आप भारत के सबसे अधिक पढ़े लिखे प्रधानमंत्री कौन थे, यह जानते हैं? भारत के उन प्रधानमंत्री को अर्थशास्त्र का विश्व विख्यात एवार्ड एडम स्मिथ पुरस्कार भी मिल चुका है । राजनीति में आने से पहले उन्होंने रिजर्व बैंक के गवर्नर के पद को भी संभाला था। आइए जानते हैं उनसे जुडी कुछ बातें।
व्यक्तिगत परिचय:
उनका नाम है मनमोहन सिंह | मनमोहन सिंह 2004 में भारत के प्रधानमंत्री बने। इससे पहले उन्होने देश के वित्त मंत्री के पद को संभाला था। मनमोहन सिंह का जन्म 26 सिंतबंर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था।
मनमोहन सिंह भारत के 14 वें प्रधानमंत्री बने थे। मनमोहन सिंह को दुनिया एक कुशल राजनेता के साथ-साथ अर्थशास्त्री के रूप में भी जानती है।
मनमोहन सिंह का सफर।
मनमोहन सिंह ने अपने जीवन में काफी लंबा सफर तय किया है।
· 1948 में मनमोहन सिंह ने पंजाब से मेट्रिक तक की पढ़ाई पूरी की।
· उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये मनमोहन कैंब्रिज विश्वविद्यालय चले गये।
· 1962 में उन्होने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से डि-फिल की डिग्री प्राप्त की।
· कैंब्रिज से शिक्षा ग्रहण करने के बाद मनमोहन सिंह ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और पंजाब विश्वविद्यालय में बतौर अध्यापक काफी दिनों तक काम किया।
· 1971 में मनमोहन सिंह ने बतौर आर्थिक सलाहकार वाणिज्य मंत्रालय में काम किया।
· 1972 में उन्हें बतौर मुख्य सलाहकार वित्त मंत्रालय में काम करने का मौका मिला।
· बाद में उन्होने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया।
· वित्त मंत्रालय में सचिव के पद पर भी उन्होनें काम किया।
· योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में भी मनमोहन सिंह ने काम किया था।
· मनमोहन सिंह को भारतीय रिजर्ब बैंक के अध्यक्ष पद पर भी नियुक्त किया गया।
मनमोहन सिंह का राजनीतिक सफर|
मनमोहन सिंह का राजनीति में आना भी अचानक से हुआ। मनमोहन सिंह को 1991 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने देश की जर्जर हो चुकी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए वित्त मंत्रालय संभालने का निवेदन किया। मनमोहन सिंह इस बात पर तैयार हो गये।
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· मनमोहन सिंह ने वर्ष 1991 से 1996 तक देश के वित्त मंत्री का पदभार संभाला। इस दरम्यान उन्होनें कुछ एतिहासिक फैसले लिये जिसने आजाद भारत से चली आ रही नीति को बदल कर रख दिया।
· मनमोहन सिंह ने देश को आर्थिक संकट से निकालने के लिए खुली व्यापार की नीति को अपनाया।
· मनमोहन सिंह के इस फैसले के बाद भारत की ठप होती अर्थव्यवस्था को नई जान मिल गयी और भारत में रोजगार के अवसरों में काफी बढोत्तरी हुई।
· मनमोहन सिंह को वर्ष 1991 में राज्य सभा के लिये चुना गया।
· वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव में मनमोहन सिंह चुनाव हार गये।
· बाद में फिर मनमोहन सिंह राज्य सभा के लिये चुने गये।
· वर्ष 1998 से 2004 तक मनमोहन सिंह भारत के उच्च सदन राज्य सभा मे विपक्ष के नेता रहे।
· 2004 में जब सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री बनने से मना कर दिया तो मनमोहन सिंह को देश का प्रधानमत्री बनाया गया।
· 2004 से 2009 तक के कार्यकाल में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सरकार ने कई एतिहासिक फैसले लिये। मनरेगा, सूचना का अधिकार जैसे कानून मनमोहन सिंह सरकार की देन थी।
· 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ा कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में 2004 से बड़ी जीत प्राप्त हुई।
· 2009 से 2014 मनमोहन सिंह का कार्यकाल कुछ विवादित रहा। इस काल में लोकपाल विधेयक और काला धन को मुद्दा बना कर जमकर विरोध प्रदर्शण किये गये।
· 2014 के चुनाव से कुछ पहले मनमोहन सिंह ने आगे प्रधानमंत्री ना बनने की घोषणा कर दी।
· मनमोहन सिंह अभी असम से राज्यसभा के सांसद हैं।
मनमोहन सिंह को मिले पुरस्कार और उनकी व्यक्तिगत उपलब्धी।
मनमोहन सिंह ने अपने अब तक के राजनीतिक जीवन में कई उपल्बधी प्राप्त की है। मनमोहन सिंह को कई पुरस्कार भी मिले हैं।
· 1987 में मनमोहन सिंह को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
· 1995 में भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार प्रदान किया गया।
· 1993 में वित्त मंत्रालय को कुशलता पूर्वक चलाने के लिए एशिया मनी अवार्ड से सम्मानित किया गया।
· 1994 में यूरो मनी अवार्ड प्राप्त हुआ।
· 1956 में एडम स्मिथ अवार्ड भी मनमोहन सिंह को मिल चुका है।