एडमिरल मलेन ने अमरीकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट में कहा कि “हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इटेलिजेंस एजेंसी के पक्के साथी के तौर पर काम करता है।”
पिछले मंगलवार को काबुल के अमरीकी दूतावास पर हुआ हमला 20 घंटों तक चला था, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई थी। उधर, पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने हक्कानी गुट के साथ आईएसआई के किसी तरह के संबंधों के होने से इनकार किया है। मलिक का कहना है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान की सीमा से लगी सीमा पर सक्रिय सभी चरमपंथियों का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मई में ओसामा बिन लादेन की पाकिस्तान की जमीन पर अमरीकी कमांडो कार्रवाई में मारे जाने के बाद से अमरीका और पाकिस्तान के रिश्तों में काफी तनाव आया है। काबुल में 13 सितंबर को हुए हमले में 11 आम लोग मारे गए थे, जबकि 10 चरमपंथियों की मौत हुई थी।
माइक मलेन ने कहा कि “आईएसआई के समर्थन से हक्कानी गुट के लोगों ने ट्रक बम की योजना बनाई और हमला किया।” उनका कहना है कि “हमारे पास विश्वसनीय जानकारी है कि काबुल में 28 जून को इंटर कॉन्टिनेंटल होटल पर हुए हमले और कई अन्य छोटे हमलों में इसी गुट का हाथ रहा है।”
एडमिरल मलेन इस महीने अमरीका जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ का पद छोड़ने वाले हैं। उन्होंने जुलाई में पाकिस्तान की सरकार पर खोजी पत्रकार सलीम शहजाद की हत्या करने की अनुमति देने का आरोप भी लगाया था, लेकिन उस समय पाकिस्तान ने उनके बयान को सिरे से खारिज कर दिया था।