Home देश रूस में ‘चुनावी धांधली’ को लेकर अमेरिका चिंतित

रूस में ‘चुनावी धांधली’ को लेकर अमेरिका चिंतित

वाशिंगटन ।। रूस में चार दिसम्बर को हुए संसदीय चुनाव में कथित धांधली की रिपोर्टो पर अमेरिका ने चिंता जाहिर की है। यूरोपी संघ और यूरोप में सुरक्षा व सहयोग सम्बंधी संगठन (ओएससीएफ) के अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने चुनाव में ‘सुनियोजित प्रक्रियात्मक उल्लंघनों’ और बैलट पत्र छापने का आरोप लगाया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्ने ने कहा, “चार दिसम्बर को हुए संसदीय चुनाव में अनियमितताओं को लेकर हम काफी चिंतित हैं।”

प्रवक्ता ने कहा कि यूरोपीय पर्यवेक्षकों की अनुमान रिपोर्ट को लेकर वे चिंतित हैं। विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भी चुनावी प्रक्रिया को लेकर चिंता जाहिर की है।

प्रवक्ता ने कहा, “ओएससीएफ के चुनाव पर्यवेक्षक मिशन की प्रारम्भिक रिपोर्ट में चिंता जाहिर की गई है। इसमें प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी, बैलट बॉक्सों को भरने की कोशिश और मतदाता सूची में हेराफेरी का जिक्र है।”

ऐसे आरोप लग रहे हैं कि सत्ताधारी यूनाइटेड रशिया पार्टी के पक्ष में बड़े पैमाने पर चुनावी धांधली की गई। इस सम्बंध में इंटरनेट पर दर्जनों वीडियो डाले गए हैं जिससे पता चलता है कि जमकर धांधली की गई। 

पर्यवेक्षकों का मानना है कि तकनीकी तौर पर विस्तृत क्षेत्र में बेहतरीन तैयारियां की गई थी लेकिन यह राज्य और सत्ताधारी पार्टी की तरफ झुका हुआ था जिसमें राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता की कमी थी।

पर्यवेक्षकों ने कहा कि चुनाव प्रशासन सत्ताधारी पार्टी की तरफ झुका हुआ था। चुनाव प्रशासन स्वतंत्र नहीं है और अधिकत्तर मीडिया आंशिक रूप से सत्ता के अधीन है।

प्रवक्ता कार्ने ने कहा, “साथ ही ऐसी भी रिपोर्टे आई हैं कि स्वतंत्र पर्यवेक्षकों के काम में बाधा खड़ा किया गया। गोलोस नेटवर्क और अन्य मीडिया कम्पनियों के कर्मियों को नुकसान पहुंचाने और उनकी वेबसाइटों पर हमला करने की कोशिश की गई।”

इससे पहले अमेरिका विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनरा ने कहा कि चार मार्च को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के अमेरिका गैर-सरकारी संगठनों को ज्यादा सहायता देगा ताकि रूस में पारदर्शिता बढ़ाई जा सके। 

टोनर ने कहा, “मैं जानता हूं रूस में आने वाले चुनाव में स्वतंत्र और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने के लिए हमने 90 लाख डॉलर से अधिक की राशि खर्च की है।”

उन्होंने कहा, “हमारा हित गैर सरकारी संगठनों का समर्थन करने में है, किसी राजनीतिक दल का समर्थन करने का ईरादा नहीं है।”

Rate this post

NO COMMENTS