वाशिंगटन ।। अमेरिका ने जहां अफगानिस्तान में खुद की मौजूदगी कम करना शुरू कर दिया है वहीं उसका मानना है कि इस क्षेत्र में भारत और चीन रचनात्मक भूमिका अदा कर सकते हैं।
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने सोमवार को अफगानिस्तान के मुद्दे पर आयोजित एक सम्मेलन में कहा, “दोनों देश जानते हैं कि इस इलाके में स्थिरता के उनके लिए बहुत से फायदे हैं। वे यह भी जानते हैं कि इससे किस तरह फायदा उठाया जा सकता है।”
उन्होंने कहा, “हमने दोनों देशों से इस सम्बंध में बात की है कि उनकी भूमिका कितनी रचनात्मक हो सकती है। जब विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन गर्मियों में भारत पहुंची थीं तो उन्होंने वहां न्यू सिल्क रोड पर चर्चा की थी। यह सड़क न केवल मध्य एशिया, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से होकर गुजरेगी बल्कि भारत से भी निकलेगी।”
उन्होंने कहा, “हमने देखा है कि भारत व पाकिस्तान ने पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए कुछ सकारात्मक कदम उठाए हैं, जो दोनों देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण व आर्थिक हित में है।”
अफगानिस्तान व पाकिस्तान के लिए अमेरिका के विदेश दूत मार्क ग्रॉसमैन ने कुछ ही हफ्ते पहले भारत और चीन का दौरा किया था। इससे वार्ता आगे बढ़ने में मदद मिलने की सम्भावना है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान से और भी कई उम्मीदें रखता है। वह हक्कानी नेटवर्क को समाप्त करने और सुलह की प्रक्रिया में उसकी मदद चाहता है। उन्होंने कहा कि उसके ये प्रयास बहुत हद तक अफगानिस्तान में अमेरिकी कार्यो के पूरक होंगे।