रक्षा विभाग ने अमेरिका-भारत सुरक्षा सहयोग पर अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई एक रपट में कहा है, “अमेरिका और भारत स्वाभाविक साझेदार हैं। साझा हितों व मूल्यों के कारण तथा एक स्थिर एवं सुरक्षित दुनिया की हमारी सामूहिक आकांक्षाओं के कारण, घनिष्ठता दोनों देशों की नियति में है।”
द्विपक्षीय रक्षा सम्बंधों को मजबूत बनाने की पंचवर्षीय कार्य योजना पर सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के अनुरोध पर तैयार की गई इस रपट में कहा गया है, “मजबूत द्विपक्षीय सम्बंध अमेरिका के हित में हैं और ये दोनों देशों के लिए लाभप्रद हैं।”
रपट में कहा गया है, “हम चाहते हैं कि अमेरिकी हितों के प्रति भारत का महत्व दीर्घकालिक रूप से बढ़े, क्योंकि एक प्रमुख क्षेत्रीय एवं उभर रही शक्ति के रूप में भारत अपने रुख के अनुरूप अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में एक घटक और एक नेता के रूप में बढ़चढ़कर भूमिका निभा रहा है।”
रपट में कहा गया है कि अगले पांच वर्षो तक अमेरिका, एशिया प्रशांत में और वश्विक स्तर पर भारत के साथ आपस में लाभकारी और मजबूत रक्षा सम्बंधों को परिपक्व बनाने के लिए जरूरी सहायक संरचनाओं का निर्माण जारी रखेगा।
रपट में कहा गया है कि अमेरिकी रक्षा विभाग, सेना से सेना के बीच आदान-प्रदान जारी रखते हुए जनता से जनता के बीच सम्बंधों को गहरा बनाकर, सहयोग पर बनी सहमतियों का क्रियान्वायन कर तथा खासतौर से समुद्री सुरक्षा एवं आतंकवाद निरोधी गतिविधियों पर जोर देते हुए सहयोग के नए दरवाजे खोलकर और रक्षा व्यापार एवं आयुध सहयोग बढ़ाकर, रक्षा सम्बंधों को आगे ले जाएगा।