Home देश काबुल में मुठभेड़ समाप्त, सभी तालिबान लड़ाके ढेर

काबुल में मुठभेड़ समाप्त, सभी तालिबान लड़ाके ढेर

काबुल ।। काबुल में अमेरिकी दूतावास और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के मुख्यालय को निशाना बनाकर किए गए एक आतंकवादी हमले के बाद शुरू हुआ मुठभेड़ बुधवार को समाप्त हो गया। मुठभेड़ लगभग 20 घंटे तक चला और इसमें 14 व्यक्ति मारे गए।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सिद्दीकी के हवाले से कहा है, “सभी आतंकवादियों को मार गिराया गया है और सामान्य स्थिति बहाल हो गई है।”आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता सिद्दीक सिद्दीकी ने कहा, “हमलावरों के खिलाफ अभियान मंगलवार को शुरू हुआ और बुधवार सुबह 8.30 बजे समाप्त हो गया। छह आतंकवादियों, चार पुलिसकर्मियों और चार नागरिकों सहित कुल 14 व्यक्ति मारे गए हैं।” हमले में 17 व्यक्ति (नौ पुलिसकर्मी और आठ नागरिक) घायल हुए हैं।विद्रोहियों ने मंगलवार को काबुल में कई विस्फोटों के साथ सुनियोजित हमला किया। आत्मघाती जैकेट पहने आतंकवादियों ने अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाया, परिणामस्वरूप घमासान मुठभेड़ शुरू हो गई।सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के ठिकाने को घेर लिया और उन्हें समाप्त करने की कोशिश शुरू कर दी। आतंकवादी एक निर्माणाधीन इमारत में घुस गए थे।

दोनों तरफ से गोलीबारी बुधवार सुबह तक जारी रही।तालिबान प्रवक्ता जैबुल्लाह मुजाहिदीन ने सीएनएन को बताया कि हमले में अमेरिकी दूतावास, सरकारी संगठनों और अन्य विदेशी संगठनों को निशाना बनाया गया था।

जिस ऊंची इमारत में आतंकवादी घुसे हुए थे, वह चार राही अब्दुल हक इलाके में है। यह अमेरिकी दूतावास और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नेतृत्व वाले अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल (आईएसएएफ) के मुख्यालय से लगा हुआ है।

राष्ट्रपति हामिद करजई ने इस हमले को कायरतापूर्ण कार्रवाई बताया है और इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है।

करजई ने कहा, “अफगान सरकार की, सुरक्षा जिम्मेदारियों की हस्तांतरण प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए दुश्मन जितना कुछ कर सकते हैं, कर रहे हैं। लेकिन यह हमला हस्तांतरण की प्रक्रिया को रोक तो नहीं सकता, अलबत्ता इसने देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी सम्भालने के प्रति हमारे लोगों के इरादे को और मजबूत ही किया है।”

ज्ञात हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जून में जब से अफगानिस्तान से 10,000 अमेरिकी सैनिकों को इस वर्ष वापस बुलाने की योजना की घोषणा की है, तब से पूरे अफगानिस्तान में हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं।

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