करजई ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के शिखर सम्मेलन से अलग मालदीव में गिलानी से मुलाकात की थी।
करजई ने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति बुरहानुद्दीन रब्बानी की हत्या की जांच कराने में पाकिस्तान से अर्थपूर्ण सहयोग मांगा। एक आत्मघाती हमलावर ने 20 सितम्बर को रब्बानी की हत्या कर दी थी।
अनाम पाकिस्तानी मंत्री के हवाले से कहा गया है कि बैठक के दौरान करजई ने “हम पर आरोपों के साथ मांगों की बौछार कर दी”।
मंत्री ने कहा, “बैठक अत्यधिक तनावपूर्ण वातावरण में शुरू हुई, क्योंकि करजई किसी की भी सुनने को तैयार नहीं थे। स्पष्ट वक्ता प्रधानमंत्री गिलानी चकित रह गए, क्योंकि उन्होंने अफगानी राष्ट्रपति से मित्रवत रुख की अपेक्षा की थी।”
करजई की पहली मांग यह थी कि दोनों देशों के बीच सारी बातचीत रब्बानी की हत्या से शुरू होगी। करजई ने आरोप लगाया कि सीमा पार से होने वाले हमलों को रोकने के लिए पाकिस्तान पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है।
गिलानी ने करजई से कहा कि दोनों पक्षों के नेता एक-दूसरे की संवेदनशीलता के बारे में समझें और कोई साझी जमीन हासिल करने के लिए काम करें।
ज्ञात हो कि रब्बानी, करजई द्वारा गठित एक शांति परिषद के नेता थे। परिषद को तालिबान के साथ बातचीत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। रब्बानी की उनके ही घर में हत्या कर दी गई थी।