डरबन में संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मून ने कहा, “हमारे पास खोने के लिए समय नहीं है और जलवायु परिवर्तन की वार्ताओं में प्रगति की जरूरत है।”
उन्होंने कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिए कानून बाध्यता वाली संधि पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह संधि सभी पर लागू होनी चाहिए चाहे वह अमीर, गरीब, छोटे या बड़े देश हों।
मून ने कहा, “एक कानूनी बाध्यता वाला करार डरबन में सम्भव नहीं भी हो सकता है लेकिन यह हमारी प्रथामिकता में होनी चाहिए। सभी देश चाहे वह बड़े हों अथवा छोटे और अमीर हों अथवा गरीब बाध्यकारी करार को लागू करने के लिए आगे आएं।”
उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट के बावजूद मंत्रियों का उद्देश्य डरबन में कुछ ठोस हासिल करने पर होना चाहिए।