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“गिलानी हैं शांति दूत, कड़वी यादों को भुलाकर आपसी रिश्तों को नये मुकाम पर ले जाने की जरूरत”

अद्दू अतोल (मालदीव) ।। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने दोनों देशों के रिश्तों के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत पर जोर देते हुए गुरुवार को आशा व्यक्त की कि द्विपक्षीय वार्ता का अगला दौर ज्यादा उपयोगी होगा।

शांगरी ला होटल में घंटे भर की बैठक के बाद सिंह ने कहा, “हमने इस अपेक्षा के साथ वार्ता की समीक्षा की कि रिश्तों में परेशानी उत्पन्न कर रहे सभी मसलों पर दोनों पक्षों द्वारा गम्भीरतापूर्वक चर्चा की जाए। हमने अतीत में काफी समय कटु बहस में बरबाद किया है। अब समय आ गया है कि भारत और पाकिस्तान के सम्बंधों में एक नया अध्याय शुरू किया जाए।”

उन्होंने कहा कि बातचीत का अगला दौर ज्यादा उपयोगी और परिणामोन्मुखी तथा दोनों देशों को करीब लाने वाला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों का दायित्व बनता है कि वे आतंकवाद के कारण आपसी रिश्तों में कड़वाहट न आने दें। उन्होंने 26/11 के आतंकवादी हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने पर भी जोर दिया।

गिलानी ने भी उन्हीं की बात दोहराते हुए कहा, “हमारी बैठक अच्छी रही। मुझे उम्मीद है कि वार्ता का अगला दौर ज्यादा उपयोगी होगा और दोनों देशों के सम्बंधों में नए अध्याय की शुरूआत करेगा।”

गिलानी ने कहा, “हमने जल, आतंकवाद, सर क्रीक और सियाचीन जैसे सभी मसलों पर खुलकर बात की।” वार्ता शुरू करने से पहले दोनों नेताओं ने तस्वीरे खिंचवाईं।

अप्रैल में थिम्पू में हुई वार्ता के बाद से दोनों नेताओं की यह पहली आधिकारिक वार्ता थी। इससे पहले दोनों नेताओं की गत 30 मार्च को चण्डीगढ़ के मोहाली में मुलाकात हुई थी। उस समय भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले विश्व कप क्रिकेट सेमीफाइनल मैच के लिए गिलानी को न्यौता भेजा गया था।

सिंह और गिलानी की वार्ता ऐसे समय में हुई जब वे दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के 17वें शिखर सम्मेलन में शिरकत के लिए आए हुए हैं। दोनों देशों के बीच पहले शिष्टमंडल स्तर की बातचीत हुई और उसके बाद दोनों नेताओं की करीब आधे घंटे तक वार्ता हुई।

विदेश सचिव रंजन मथाई ने पांच नवंबर को संवाददाताओं से कहा था, “हमें न्यायिक आयोग के यहां पहुंचने का इंतजार है।”

पाकिस्तान के 10 आतंकवादियों ने मुम्बई के आतंकवादी हमले को अंजाम दिया था, जिसमें कम से कम 166 लोग मारे गए थे।

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