Home देश भारतीय कानून के दायरे में होगा असैन्य परमाणु दायित्व – प्रधानमंत्री मनमोहन

भारतीय कानून के दायरे में होगा असैन्य परमाणु दायित्व – प्रधानमंत्री मनमोहन

बाली ।। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को इस संकेत के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की कि उनके बीच सम्बंधों में कोई दिक्कत नहीं है। दोनों नेताओं ने असैन्य परमाणु दायित्व कानून जैसे खास मुद्दे पर चर्चा की और मनमोहन सिंह ने साफ किया कि खास शिकायतों को देश के कानून के दायरे में रहकर ही दूर किया जा सकेगा। 

एक घंटे से अधिक समय तक चली शिष्टमंडल स्तर की बातचीत के बाद मनमोहन सिंह ने कहा, “मैंने उन्हें बताया कि हमारे पास एक कानून है और नियम तैयार किए गए हैं..ये 30 दिनों तक संसद में रहेंगे। उसके बाद हमें किसी तरह अमेरिकी कम्पनियों की चिंताओं के जवाब देने हैं और अपने देश के कानून के दायरे में रहकर ही हम खास शिकायतों को दूर करना चाहते हैं।”

आसियान सम्मेलन और पूर्व एशियाई सम्मेलन से अलग मनमोहन और ओबामा ने ग्रैंड हयात होटल में मुलाकात की। शिष्टमंडल स्तर की बातचीत के लिए जाने से पहले दोनों नेताओं ने मीडिया के एक वर्ग के समक्ष संक्षिप्त बयान दिए। ओबामा इसी होटल में रुके हुए हैं।

विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उपस्थित ओबामा ने मनमोहन सिंह से कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच सम्बंधों के तार केवल नेतृत्व के स्तर पर ही नहीं जुड़े हैं, बल्कि व्यक्ति से व्यक्ति के स्तर पर भी जुड़े हुए हैं।” 

ओबामा ने लगभग इसी अवधि के दौरान हुए अपने पिछले वर्ष के भारत दौरे को असाधारण बताया और मनमोहन सिंह को अपना प्रिय मित्र कहा। ओबामा ने कहा कि द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय स्तर पर कई सारे मुद्दों को सुलझाने का यह एक बेहतरीन अवसर है।

ओबामा ने कहा, “पिछले वर्ष लगभग इसी समय मैं भारत के एक असाधारण दौरे पर था। उस दौरे के दौरान हमने दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच सम्बंधों को और मजबूत बनाया, सुरक्षा के क्षेत्र में भी और रणनीतिक क्षेत्र में भी।”

ओबामा ने कहा, “और तभी से हम व्यापक मुद्दों पर लगातार प्रगति कर रहे हैं। हमारे दोनों देशों के बीच सम्बंधों के तार सिर्फ नेतृत्व के स्तर पर ही नहीं जुड़े हुए हैं, बल्कि व्यक्ति से व्यक्ति के स्तर पर भी और इसके पीछे भारतीय मूल के अमेरिकियों द्वारा हमारी संस्कृति, हमारी राजनीति और हमारी अर्थव्यवस्था को दिए गए योगदान वजह हैं।”

ओबामा ने कहा, “इस उपाय की तलाश करने का हमारे लिए यह एक बेहतर अवसर होगा कि हम मिलकर कैसे काम कर सकते हैं, न केवल द्विपक्षीय मुद्दों पर बल्कि बहुपक्षीय मंचों पर भी, जैसे कि पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन। हम मानते हैं कि यह मंच समुद्री सुरक्षा या परमाणु अप्रसार के साथ ही आपदा राहत और मानवीय सहायता पर सहयोग बढ़ाने जैसे व्यापक मुद्दों पर मिलकर काम करने के लिए एक प्रमुख मंच हो सकता है।”

इस पर मनमोहन सिह ने कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ते में किसी भी तरह की समस्या नहीं है। ओबामा के ऐतिहासिक भारत दौरे को याद करते हुए सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष के दौरान हर क्षेत्र में प्रगति हुई है। इन क्षेत्रों में व्यापार, निवेश, स्वच्छ ऊर्जा और रक्षा जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

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