इस्लामाबाद ।। पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि बीते शनिवार के उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के हमले ने कई अनुत्तरित सवाल छोड़े हैं। इस हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।
खार ने अमेरिका के ‘नेशनल पब्लिक रेडियो’ से लाहौर में बातचीत में कहा, “यदि 26 नवम्बर का हमला गलती थी, तो भी यह निश्चित तौर पर कठोर गलती थी, क्योंकि यह पांच मिनट में नहीं हुआ, बल्कि घंटों में हुआ इसने निश्चित तौर पर कई सवाल अनुत्तरित छोड़े हैं।”
‘एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान’ के अनुसार, नाटो हमला कोई छिटपुट घटना नहीं थी। इस्लामाबाद इस घटना की जांच में भाग लेगा या नहीं, इसने पाकिस्तान में इससे बड़ा सवाल अनुत्तरित छोड़ा है।
उन्होंने कहा कि एबटाबाद में की गई एकपक्षीय कार्रवाई ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का सहयोग करने के दौरान खींची गई रेखा पर सवाल उठाए।
खार ने कहा, “यदि समझौते में एक-दूसरे के साथ जुड़ने की शर्तो का पालन या सम्मान नहीं किया जाता है तो समझौते से जुड़े पक्षों को इससे अलग होने या हालात के पुनर्मूल्यांकन का अधिकार होता है और पाकिस्तान आज अपने उसी अधिकार का इस्तेमाल कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की दशकों पुरानी भूमिका को गलत ढंग से परिभाषित किया गया। इसे कभी मान्यता नहीं दी गई और न ही इसकी प्रशंसा की गई।
यह पूछे जाने पर कि क्या नाटो का हमला जानबूझकर किया गया हो सकता है, उन्होंने कहा, “यदि ऐसा है तो यह और भी गम्भीर सवाल खड़े करता है।”