पुणे में आडवाणी ने कहा, “मैं मांग करता हूं कि स्विस बैंक के भारतीय खाताधारकों के नाम उजागर किए जाएं, जिसे फ्रांस की सरकार ने हाल ही में भारत को दिया था। उनके नाम निश्चित तौर पर सार्वजनिक किए जाने चाहिए।”
आडवाणी ने कहा, “उन लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।” उन्होंने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर आरोप लगाया कि वह जान बूझकर इस मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
देश में ‘वंशवादी शासन’ की ओर इशारा करते हुए आडवाणी ने कहा कि जिस तरह से अच्छा शासन और भ्रष्टाचार साथ नहीं चल सकता उसी तरह से लोकतंत्र और वंशवाद साथ-साथ नहीं चल सकता।
आडवाणी ने कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि देश की मुख्य राजनीतिक पार्टी अपने सिद्धातों में वंशवाद को स्वीकार कर चुकी है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए अथवा नहीं, तो आडवाणी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि संसद के शीतकालीन सत्र में यह विधेयक पारित किया जाएगा।
आडवाणी ने कहा, “द्रमुक के लिए मेरे मन में कोई नरमी का भाव नहीं है लेकिन 2जी स्पेक्ट्रम मामले में उनके साथ शामिल अन्य लोगों के नामों को भी सामने लाना चाहिए।”
आडवाणी ने जनचेतना यात्रा को अपने जीवन की अब तक की सबसे सफल यात्रा करार दिया। उन्होंने कहा कि जनचेतना यात्रा स्वयं के लिए नहीं बल्कि देश के निर्माण के लिए है।
गौरतलब है कि शाम तक आडवाणी की यात्रा के मुम्बई पहुंचने की सम्भावना है, जहां वह बोरीवली में एक जनसभा को सम्बोधित करेंगे। वह शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे। यहां से उनकी यात्रा गुजरात के लिए रवाना होगी।