Home देश अमेरिका-पाक का टकराव अधिक खतरनाक

अमेरिका-पाक का टकराव अधिक खतरनाक

वाशिंगटन ।। अमेरिका के एक प्रमुख थिंकटैंक ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष को वर्ष 2012 का सबसे प्रमुख सम्भावित खतरा करार दिया है, जबकि भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव की सम्भावना को कम करके आंका है। 

वाशिंगटन की ‘विदेश सम्बंध परिषद’ द्वारा शुक्रवार को जारी एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि अमेरिकी कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद 2011 में उत्पन्न तनाव के बीच किसी सम्भावित हमले या आतंकवाद निरोधी अभियान के कारण पाकिस्तान के साथ भड़कने वाले संघर्ष के खतरे को बढ़ा कर बताया गया है।

लेकिन इसी सर्वेक्षण में बड़े आतंकवादी हमले के कारण भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के सम्भावित खतरे को शीर्ष से घटाकर दूसरे दर्जे का कर दिया गया है। 

परिषद के निवारक कार्रवाई केंद्र ने नए वर्ष के लिए अमेरिका के सबसे जोखमभरे टकरावों की वार्षिक सूची तैयार करने के लिए इस सर्वेक्षण में गुप्तरूप से अमेरिकी अधिकारियों और विशेषज्ञों के विचार लिए हैं।

पाकिस्तान के साथ अमेरिका के टकराव के अलावा 2012 की सूची में कई सम्भावित खतरों को बढ़ाकर शीर्ष श्रेणी में कर दिया गया है। इसमें से एक खतरा गम्भीर यूरो संकट का है, जो कि अमेरिका को दोबारा मंदी में घसीट सकता है, और दूसरा सऊदी में अस्थिरता है, जो कि वैश्विक तेल आपूर्ति के लिए खतरा पैदा कर सकता है। 

जो खतरे पिछले वर्ष से ही सूची में शीर्ष पर बने हुए हैं, उनमें अमेरिका और चीन के बीच सम्भावित टकराव, जिसमें अमेरिका या गठबंधन सेना शामिल हो सकती है, पाकिस्तान की आंतरिक अस्थिरता, ईरान या उत्तर कोरिया के साथ गम्भीर परमाणु संकट, और मेक्सिको से नशीले पदार्थो सम्बंधी हिस्सा की समस्या शामिल हैं।

सर्वेक्षण का नेतृत्व करने वाले विदेश सम्बंध परिषद में संघर्ष निवारण मामलों के फेलो, मीका जेंको ने कहा है, “अस्थिरता और संघर्षो का अनुमान लगाने का अमेरिका का एक निराशाजनक रिकार्ड रहा है। फिलहाल, अमेरिका सरकार के पास आपातकालीन योजना के अनुमान से सम्बंधित कोई व्यवस्थित प्रक्रिया नहीं है। यह सर्वेक्षण उसी जरूरत को पूरा करने के उद्देश्य से किया गया है।”

Rate this post

NO COMMENTS