वाशिंगटन ।। अमेरिका के एक बड़े व्यापारिक संगठन ने भारत के मल्टीब्रांड खुदरा क्षेत्र को विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई)के लिए खोलने तथा सिंगल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई का विस्तार करने के भारतीय मंत्रिमंडल के ‘साहसिक’ निर्णय का स्वागत किया है। संगठन ने कहा है कि इससे खाद्य पदार्थो की कीमतों और महंगाई में कमी आएगी।
अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) ने कहा है, “इन साहसपूर्ण सुधारों ने अमेरिका और अन्य देशों के निवेशकों को मन को छू लिया है।” इस संगठन में अमेरिका और भारत की लगभग 400 शीर्ष कम्पनियां शामिल हैं, जो दोनों देशों के बीच गहरा व्यापारिक सम्बंध चाहती हैं।
व्यापारिक संगठन ने कहा, “मल्टीब्रांड खुदरा सेक्टर को सरकार द्वारा खोले जाने से भारतीय उपभोक्ता लाभान्वित होंगे, और बढ़ रही खाद्य कीमतें तथा मुद्रास्फीति नीचे आएगी।”
संगठन ने कहा है कि इन कदमों से भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर होगा, जिसके बारे में पहले यह अनुमान किया गया था कि भारत यह स्थिति मध्य सदी में हासिल कर लेगा।
संगठन, इन जटिल सुधारों की ओर आगे बढ़ने का सरकार का साहसपूर्ण संकल्प, निवेशकों के लिए इस बात के आश्वासन के रूप में काम करेगा कि 1990 के दशक के प्रारम्भ में शुरू हुआ आर्थिक उदारीकरण का एजेंडा अपने मार्ग पर है, यहां तक कि आर्थिक मंदी के दौर में भी।
यूएसआईबीसी के अध्यक्ष रॉन सोमर्स ने कहा, “मल्टीब्रांड खुदरा सेक्टर को विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिए खोलने का कदम भारत के विशाल कृषि खुदरा बाजार को आधुनिकीकृत कर भारतीय उपभोक्ताओं को लाभान्वित करेगा।”
वॉल्मार्ट इंटरनेशनल के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, डौग मैकमिलन ने कहा, “नीति में यह बदलाव उपभोक्ताओं, किसानों और भारत सरकार सहित सभी घटकों के लिए एक अच्छी शुरुआत है और लाभकारी निर्णय है।”
मैकमिलन ने कहा, “हमें भरोसा है कि भारत और भारत के लोगों के लिए हमारे द्वारा पेश किए जाने वाले मूल्य को देखने के बाद सरकार इस उदारीकरण को खुदरा में एफडीआई को और खोलने के पहले कदम के रूप में देखेगी।”