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बिहार में शिक्षा की बात हो और कोई बदनामी न हो ऐसा बहुत कम ही होता है। इस बार बात साइंस टॉपर कल्पना को लेकर है। वैसे कल्पना बहुत मेघावी छात्रा हैं और उन्होंने NEET परीक्षा में टॉप करके बिहार का नाम रोशन किया और ये काम उन्होंने 12वीं की बोर्ड परीक्षा पास करने से पहले ही कर लिया।
लेकिन बिहार बोर्ड की आलोचना इस बात पर हो रही है कि कल्पना पिछले दो सालों से दिल्ली के आकाश इंस्टीट्यूट में पढाई कर रही थी और इस दौरान वह एक भी दिन अपने स्कूल नहीं गई।
जहां एक तरफ कुछ स्कूलों में परीक्षा में बैठने के लिए कक्षा में कम से कम 75 प्रतिशत की उपस्थिति होना आवश्यक होता है वहीं ऐसे भी बच्चे हैं जो बिना स्कूल गए ही पूरे बिहार बोर्ड के टॉपर बन जाते हैं। बस इसी बात को लेकर पूरा मीडिया बिहार के एजुकेशन सिस्टम पर कटाक्ष कर रहा है। साथ ही कल्पना जो एक समय इंटरव्यू देते नहीं थक रही थीं अब कैमरे से दूरी बनाए हुए हैं।