कर्नाटक में भाजपा को बाजी मारता देख कांग्रेस ने बीजेपी को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा लिया। येदियुरप्पा की शपथ रोकने के लिए कांग्रेसी नेता अपने सहयोगी दल जेडीएस के साथ रात डेढ़ बजे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया। कोर्ट में आधी रात को काम हुआ और सुबह साढ़े चार बजे जब अदालत की कार्यवाही तो रुक गई लेकिन अपना पूरा दम लगाने के बाद भी येदियुरप्पा का शपथ नहीं रूका।
कर्नाटक में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत न मिलने से राजनीतिक दांव-पेंच इतने उलझ गए कि सभी पार्टियां अपनी अपनी तैयारी में जुट गईं। चुनाव से पहले जिस जीडीएस की बुराई करते कांग्रेस थक नहीं रही थी उसने नतीजे आने से पहले ही 34 सीट लाने वाली जीडी देवगौड़ा की इस पार्टी को बिना किसी शर्त समर्थन देने की घोषणा कर दी।
कांग्रेस की इस घोषणा ने भाजपा को भी अपना पूरा दम लगाने के लिए मजबूर कर दिया। बहुमत से सिर्फ 8 सीटें दूर रह गई भाजपा और कांग्रेस के जेडीएस को समर्थन के बाद पूर्ण बहुतमत का आंकड़ा छू लेने के बाद गेंद कर्नाटक के गवर्नर के पाले में चली गई थी।
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इसके बाद गवर्नर ने सबसे बड़े दल को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण दिया। पहले तो कांग्रेस और जेडीएस ने गवर्नर के इस फैसले का विरोध किया और उसके बाद रात को 1:30 बजे इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में अपील की जिसकी सुनवाई 4:30 बजे तक चली।
#Karnataka: Visuals from outside BS Yeddyurappa’s residence, in Bengaluru. He will take oath as Karnataka chief minister at 9 am today. pic.twitter.com/zBOvty7jK6
— ANI (@ANI) May 17, 2018
वहां से भी कांग्रेस गठबंधन को राहत नहीं मिली और कोर्ट ने येदियुरप्पा का शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से मना कर दिया। लेकिन पूरी राहत बीजेपी को भी नहीं मिली। कोर्ट ने कांग्रेस गठबंधन से सभी विधायकों की हस्ताक्षर वाली सुचि जमा करने को कहा। इस मुद्दे पर अगली सुनवाई शुक्रवार को है।
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