एक आरटीआई में हुए खुलासे के बाद लोग सोच में पड़ गए हैं कि महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय चाय पीता था या उससे नहाता था। जी हां, आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री कार्यालय में रोजाना 18500 रू. की चाय पी गई।
महाराष्ट्र के कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम ने प्रेस कांफ्रेस में पिछले 4 सालों का ब्योरा दिया। उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पहले दो सालों में मुख्यमंत्री कार्यालय में 57,99,000 रू. की चाय पी गई। इसके बाद 2016-17 में यह खर्च 1 करोड़ 20 लाख हो गया और 2017-18 में तो यह आंकड़ा 3 करोड 34 लाख रूपए तक पहुंच गया।
इसके अनुसार माह में 27 लाख और प्रतिदिन 90 हजार रूपए की चाय पी जा रही है। जोकि 577 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी है। कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे चाय घोटाला करार दिया और कहा कि चाय पी नहीं जा रही है सिर्फ बिल भरे जा रहे हैं। चाय के नाम पर मौजूदा सरकार केवल घोटाला कर रही है।
संजय निरूपम ने इस घोटाले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जोड़ा और कहा कि चाय वाला बनकर और चाय पर चर्चा करके वो देश के प्रधानमंत्री तो बन गए लेकिन पावर में आते ही इस तरह से चाय पर खर्चा कर डाला। ये जनता का पैसा है और इसका इस तरह से दुरउपयोग होगा तो कांग्रेस चुप नहीं रहेगी।
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