नई दिल्ली ।। देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर स्थिति पर चिंता जताते हुए योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने गुरुवार को कहा कि सरकार 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में स्वास्थ्य पर खर्च 1.3 फीसदी से बढ़ाकर 2.5 फीसदी करेगी।
अहलूवालिया ने आईएएनएस से कहा, “मैं निजी और सरकारी क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति से संतुष्ट नहीं हूं। हमारी 12 योजनावधि में स्वास्थ्य पर खर्च सकल घरेलू उत्पाद के 1.3 फीसदी से बढ़ाकर 2.5 फीसदी करने की योजना है।”
अहलूवालिया भारत स्वास्थ्य सम्मेलन 2011 को सम्बोधित कर रहे थे। सम्मेलन का आयोजन भारतीय उद्योग परिसंघ ने किया।
सरकार ने 2007-08 से 2010-11 की अवधि में स्वास्थ्य पर लगभग 4,142 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
उन्होंने हालांकि कहा कि खर्च बढ़ाने के साथ-साथ योग्य पेशेवरों की संख्या बढ़ाना भी उतनी ही जरूरी है।
अहलूवालिया ने कहा, “हमें अधिक संख्या में योग्य डॉक्टरों और प्रशिक्षित नर्सो की जरूरत है।” उन्होंने यह भी कहा कि और अधिक मेडिकल कॉलेज और नर्स प्रशिक्षण संस्थान खोलने के मुद्दे पर ध्यान देना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि देश में काम करने वाले होटलों का कुल क्षेत्रफल अस्पतालों के कुल क्षेत्रफल से अधिक है।
उन्होंने कहा कि प्राथमिक क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा की अधिक मांग को देखते हुए सरकार को उस क्षेत्र में खर्च अधिक करना होगा।
देश में स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाने के लिए सार्वजनिक- निजी भागीदारी नीति पर कायम भ्रम के बारे में अहलूवालिया ने कहा कि वंचितों की आवाज उठाने वाले गैर सरकारी संगठन इससे पूरी तरह सहमत नहीं हैं।
उन्होंने कहा, “इस भ्रम को देखते हुए निजी क्षेत्र को सार्वजनिक निजी भागीदारी पर खास दिशा निर्देश तैयार करना चाहिए।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निजी भागीदारी की सम्भावनाओं की तलाश की जानी चाहिए।