राजा के साथ ही डीएमके नेता और सांसद कनिमोझी के खिलाफ भी आपराधिक साजिश और आपराधिक विश्वासघात के आरोप तय किए गए हैं। इन आरोपों में दोषी पाए जाने के बाद जहां राजा को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है, वहीं कनिमोझी को भी कारावास की सजा हो सकती है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने राजा के पूर्व सहयोगी आर.के. चंदोलिया और पूर्व केंद्रीय दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा के खिलाफ भी यही आरोप तय किए हैं।
विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी ने सभी गिरफ्तार 14 व्यक्तियों की उपस्थिति में खचाखच भरे अदालत कक्ष में कहा, “राजा और उनके दो सचिवों पर धारा 409 लगाई गई है।”
जिन लोगों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 409 लगाई गई है, उन्हें अधिकतम आजीवन कारावास या जुर्माने के साथ 10 वर्ष के कारावास की सजा हो सकती है। यह एक सं™ोय, गैरजमानती अपराध है।
राज्यसभा सांसद और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की बेटी कनिमोझी पर भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश और आपराधिक विश्वासघात के आरोप लगाए गए हैं।
जांच एजेंसी ने दो अप्रैल को आरोपों की पहली किश्त दाखिल की थी, जिसमें उसने राजा, चंदोलिया, बेहुरा, स्वान टेलीकॉम के शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका तथा यूनीटेक वायरलेस के संजय चंद्रा के नाम शामिल किए थे।
इसमें रिलायंस समूह के गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरि नायर के नाम भी सह आरोपी के रूप में शामिल थे। इसके अलावा तीन कम्पनियों-यूनीटेक वायरलेस, स्वान टेलीकॉम और रिलायंस टेलीकॉम भी इसमें सह आरोपी के रूप में शामिल थे।
इसके बाद 25 अप्रैल को दाखिल पूरक आरोप पत्र में कनिमोझी, कलैगनार टीवी के प्रमुख शरद कुमार, सिनेयुग फिल्म्स के करीम मोरानी और कुसेगांव के निदेशक द्वय आसिफ बलवा और राजीव बी. अग्रवाल के नाम शामिल थे।
मामले के सभी 14 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में लेकर तिहाड़ जेल भेज दिया गया था।
शनिवार को सुनवाई शुरू होने और आरोपों की घोषणा किए जाने के बाद प्रत्येक आरोपी से पूछा गया कि क्या उसने मामले को समझ लिया है, वह दोष स्वीकार करना चाहता है या मुकदमा चाहता है।
किसी भी आरोपी द्वारा दोष कबूल न किए जाने के बाद न्यायाधीश सैनी ने कहा, “मैं निर्देश देता हूं कि आप सभी पर सम्बद्ध आरोपों के तहत इस अदालत में सुनवाई होगी।”