न्यायाधीश ओ. पी. सैनी ने चंदोलिया को जमानत देते हुए तीन लाख रुपये के निजी बांड और इतने की ही दो जमानत राशियों को भरने का निर्देश दिया।
इस मामले में कुल 14 आरोपियों में से अब केवल दो आरोपी जेल में रह गए हैं। इनमें पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा और सिद्धार्थ बेहुरा शामिल हैं। बेहुरा की जमानत याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है जबकि राजा ने अभी तक जमानत याचिका दाखिल नहीं की।
चंदोलिया की जमानत याचिका पर विशेष अदालत ने बुधवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
चंदोलिया ने इस आधार पर जमानत के लिए अर्जी दी थी कि आरोप तय किए जाने के बाद मामले की सुनवाई में देरी हो सकती है और जिस प्रकार सर्वोच्च न्यायालय तथा दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले में 11 आरोपियों को जमानत दी है, उन्हें भी समता के आधार पर जमानत मिलनी चाहिए।
चंदोलिया के वकील विजय अग्रवाल ने अदालत में कहा था कि उनके मुवक्किल के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। उन्होंने इस मामले में केवल तत्कालीन मंत्री के आदेशों का पालन किया।