विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को इस नोट पर सरकार को आड़े हाथो लिया। उसने कहा कि दो दिन पहले संयुक्त संसदीय समिति में वितरित की गई इस नोट की प्रति में बदलाव कर सच्चाई को छुपाने की कोशिश की गई है। यह नोट 23 मार्च को भेजा गया था।
भाजपा ने संयुक्त संसदीय समिति में सोमवार शाम यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सदस्यों को वितरित प्रति में ‘मंजूरी’ शब्द को बदलकर ‘अवलोकन’ कर दिया गया है।
मुखर्जी ने पहले इस नोट के विषय में कहा है कि इस नोट में दिया गया विचार उनका नहीं है।
इस नोट से खफा चल रहे चिदम्बरम ने मुखर्जी द्वारा मीडिया में दिए गए बयान पर कहा था कि वह उनके बयान को स्वीकार करते हैं और यह विषय बंद हो चुका है।
यह नोट केंद्रीय वित्त मंत्रालय से मार्च में प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा गया था। पत्र में कहा गया था कि यदि तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम जोर देते तो स्पेक्ट्रम की नीलामी हो सकती थी।