समारोह में शिरकत करने आए अतिविशिष्ट लोगों के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियों के कमांडो और समारोह का साक्षी बनने के लिए लालकिला परिसर में सैकड़ों स्कूली बच्चों द्वारा रेनकोट व छाते के इस्तेमाल से पूरे लालकिला परिसर में सिर्फ रेनकोट व छाते ही नजर आ रहे थे।
मगर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सुरक्षा में तैनात कमांडो और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देने के लिए जल, थल व वायुसेना के जो जवान थे, वे पूरे समारोह के दौरान बारिश में भीगते रहे।
रविवार रात से ही हो रही बारिश के कारण लालकिले की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा एजेंसियों के सामने एक नई चुनौती आ गई थी। कहीं कोई अप्रिय घटना न हो जाय, को ध्यान में रखकर सारे एहतियात बरते जा रहे थे। छाते की बारीकी से जांच करने के साथ-साथ इसकी ओट में बैठे लोगों पर निगाह रखने में सुरक्षाकर्मियों को चौकन्ना देखा गया। स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान लालकिले के आसपास कोई नजर आ रहा था तो बस सुरक्षा में तैनात पुलिस एवं दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के कमांडो या फिर दूर-दूर तक फैला सन्नाटा।
लालकिले तक पहुंचने के लिए कई स्तरीय सुरक्षा चक्र तैयार किए गए थे। इस बार के लाल किले की सुरक्षा व्यवस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां पहुंचने वाली गाड़ियों की जांच आधा दर्जन से अधिक बार की गई। लाल किले के अंदर पहुंचने वाले पासधारकों को तो दूध, दवा और खाने पीने के सामान भी अंदर ले जाने की इजाजत नहीं दी जा रही थी।