नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में आडवाणी ने कहा, “महंगाई, भ्रष्टाचार से निपटने और विदेशों में जमा कालेधन को वापस लाने में सरकार ने जिस प्रकार से निष्क्रियता दिखाई है उसकी इस सरकार में लोगों का विश्वास कम हुआ है।” आडवाणी ने कहा कि यात्रा के दौरान वह महंगाई, भ्रष्टाचार, चुनाव सुधार जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे। संप्रग सरकार के नेतृत्व में कमी की वजह से ही लोगों के मन में राजनीतिक व्यवस्था के प्रति आस्था कमजोर हुई है।
‘वोट के बदले नोट’ मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए भाजपा के पूर्व सांसदों का बचाव करते हुए आडवाणी ने कहा कि हमारे सांसदों ने भ्रष्टाचार को उजागर करने का काम किया। सारी दुनिया ने देखा की संप्रग ने सरकार बचाने के लिए क्या किया, लेकिन इसके बाद भी इन सांसदों को ही आरोपी बना दिया गया।
आडवाणी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकाल के दौरान चुनाव सुधार का मुद्दा उठाया था। उनका कहना था कि देश में चुनाव सुधार होने चाहिए।
प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे और उनके प्रमुख सहयोगियों द्वारा चलाए गए आंदोलन की तरफ इशारा करते हुए आडवाणी ने कहा, “कुछ सामाजिक संगठनों की ओर से भ्रष्टाचार को लेकर आवाज उठाई गई। मैं उन्हें साधुवाद देता हूं कि उन्होंने लोगों में इन मुद्दों के खिलाफ चेतना पैदा करने का काम किया।” उन्होंने कहा कि वह अपनी यात्रा के दौरान जनता की इस चेतना को और बढ़ाएंगे।