कांग्रेस ने इसे राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार को दबाने की कोशिश करार दिया है, वहीं स्वयं आडवाणी ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष प्रभात झा को जांच के निर्देश दिए हैं।
मालूम हो कि आडवाणी की जनचेतना यात्रा के मध्य प्रदेश में आने से पहले सतना में भाजपा सांसद गणेश सिंह व लोक निर्माण मंत्री नागेंद्र सिंह की मौजूदगी में पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। वार्ता खत्म होने के बाद वहां पहुंचे मीडियाकर्मियों को एक-एक लिफाफा दिया गया। इस लिफाफे में 500-500 रुपये का नोट रखा था। इस पर पत्रकारों ने सख्त आपत्ति भी दर्ज कराई।
मीडियाकर्मियों को नोट दिए जाने के मामले के तूल पकड़ने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेताओं के इस कृत्य ने पार्टी की मानसिकता को उजागर कर दिया है। एक तरफ आडवाणी भ्रष्टाचार के खिलाफ यात्रा निकाल रहे हैं, वहीं मीडियाकर्मियों के बीच नोट बांटे जा रहे है।
उनका आरोप है कि प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों से लेकर अधिकारी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं। उनकी हकीकत उजागर न हो जाए इस मकसद से मीडिया को खरीदने की कोशिश की गई, मगर मीडिया ने इस प्रलोभन में न आकर भाजपा का असली चेहरा बेनकाव किया है।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कांति लाल भूरिया ने कहा कि आडवाणी काले धन की बात करते हैं और उनकी यात्रा का सारा इंतजाम कालेधन से ही हो रहा है।
सतना में आडवाणी से पत्रकारों ने सवाल किया तो उनका कहना था कि यह स्थानीय मामला है, इस प्रकरण की प्रदेशाध्यक्ष जांच कर उन्हें प्रतिवेदन देंगे ताकि उसका पता चल सके कि किसने नोट बांटे।
वहीं सांसद गणेश सिंह का कहना है कि संवाददाता सम्मेलन उन्होंने आयोजित किया था, तथा उसके बाद वह चले गए थे। नोट किसने बांटे है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है, इसकी वह जांच कराएंगे।