नई दिल्ली ।। फ्रांस, क्यूबा, और नाइजीरिया सहित 11 देशों के राजदूतों ने मंगलवार को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील को अपने राजनयिक दस्तावेज सौंपे। इस मौके पर पाटील ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की वकालत की।
राजदूतों ने यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में अपने राजनयिक दस्तावेज सौंपे। इस अवसर पर दूतावासों और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
जिन राजदूतों ने अपने राजनयिक दस्तावेज राष्ट्रपति को सौंपे, उनमें नाइजीरिया के ओयबोला कुकू, फ्रांस के फ्रेंकोइस रिचर, बेलारूस के व्लादमीर गोशिन, कोटे डी आइवर के साइनी टीमेली, लक्जमबर्ग के गैस्टन स्ट्रोंक, हंगरी के जेनोस तेरेनयी, फिजी के योगेश करन, ट्यूनीशिया के तारिक अजोयुज, क्यूबा के अबेलारडो राफेल क्यूटो सोसा, मकदूनिया के स्लोबोदान ताशोस्की और अजरबैजान के इब्राहिम असद ओगलू हाजीयेव शामिल हैं।
राष्ट्रपति पाटील ने राजदूतों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत शांति, प्रगति और विकास के लिए अन्य देशों के साथ आर्थिक सम्बंधों को बढ़ाना चाहता है। पाटील ने वैश्विक शासन में सुधार का आह्वान किया।
पाटील ने राजदूतों से कहा, “भारत के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने की अपनी वैधानिक आकांक्षाओं के लिए सभी जरूरी अहर्ताएं मौजूद हैं।”
राष्ट्रपति ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों को अधिक विश्वसनीय और प्रभावी बनाने के लिए उनमें सुधारों के दौरान प्रासंगिक वास्तविकताएं हर हाल में झलकनी चाहिए।