सरकार पर जनता को धोखा देने का आरोप लगाते हुए अन्ना ने कहा है कि वह 30 दिसम्बर से ‘जेल भरो’ आंदोलन शुरू करेंगे। इसके पहले अन्ना ने पहली जनवरी से ‘जेल भरो’ आंदोलन शुरू करने की बात कही थी।
अन्ना ने मनमोहन सिंह को चार पृष्ठों के पत्र में लिखा है, “यदि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को लोकपाल के दायरे में नहीं लाया जाता, तो यह एक दंतविहीन संस्था होगी। ऐसा लगता है कि सरकार सीबीआई को छोड़ना नहीं चाहती।” पत्र की प्रतियां मीडिया को भी मेल की गई हैं।
अन्ना ने लिखा है, “चाहे कांग्रेस हो या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), हर किसी ने सत्ता में रहते हुए सीबीआई का दुरुपयोग किया। सत्ताधारी दलों ने अपने विरोधियों पर हमला किया और अपने भ्रष्ट नेताओं को बचाया।”
अन्ना ने लिखा कहा है कि प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ महीनों में कई बार उन्हें आश्वस्त करते हुए पत्र लिखा था कि शीतकालीन सत्र में एक प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित किया जाएगा। अन्ना ने सवाल किया है, “लेकिन क्या ऐसा हो पाएगा? मुझे संदेह है।”
शीतकालीन सत्र 22 दिसम्बर को समाप्त होने वाला है। लेकिन सरकार ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर लोकपाल विधेयक पारित करने के लिए सत्र बढ़ाया जाएगा।