जनरल सिंह इससे पहले जयपुर में दक्षिण-पश्चिमी कमान के प्रमुख थे। वह दिसम्बर, 1972 में आठ गोरखा राइफल्स में शामिल हुए थे। उन्होंने पंजाब तथा जम्मू एवं कश्मीर में ‘ऑपरेशन रक्षक’ सहित कई अभियानों में हिस्सा लिया।
वह जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पैदल दस्ते (इंफेंटरी डिवीजन) का नेतृत्व कर चुके हैं। उन्होंने सियाचिन ग्लेशियर में एक ब्रिगेड की भी कमान सम्भाली। वह गोरखा राइफल्स के कर्नल कमांडेंट भी रह चुके हैं।
दक्षिण-पश्चिमी कमान में जनरल सिंह का स्थान लेफ्टिनेंट जनरल ज्ञान भूषण लेंगे, जो फिलहाल तेजपुर स्थित 4 कोर के अधिकारी हैं।
जनरल सिंह 1971 के बाद सेना में शामिल होने वाले पहले अधिकारी हैं, जो इस शीर्ष पद तक पहुंचे। लाम्बा की सेवानिवृत्ति के बाद सेना में 1971 के बांग्लादेश युद्ध के दौरान या पहले शामिल हुए केवल चार अधिकारी रह गए हैं, जिनमें मौजूदा सेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह भी शामिल हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह इससे पहले जयपुर में दक्षिण-पश्चिमी कमान के प्रमुख थे। वह दिसम्बर, 1972 में आठ गोरखा राइफल्स में शामिल हुए थे, फीर्ल्ड मार्शल सैम मानेकशॉ भी इसी रेजीमेंट से सम्बद्ध थे। श्रीलंका में सेना भेजे जाने, पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर में ‘ऑपरेशन रक्षक’ सहित उन्होंने कई अभियानों में हिस्सा लिया।
वह जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पैदल दस्ते (इंफेंटरी डिवीजन) का भी नेतृत्व कर चुके हैं। उन्होंने सियाचिन ग्लेशियर में एक ब्रिगेड की भी कमान सम्भाली। वह गोरखा राइफल्स के कर्नल कमांडेंट भी रह चुके हैं।
दक्षिण-पश्चिमी कमान में जनरल सिंह का स्थान लेफ्टिनेंट जनरल ज्ञान भूषण लेंगे, जो फिलहाल तेजपुर स्थित 4 कोर के अधिकारी हैं। भूषण इससे पहले भूटान में सेना की प्रशिक्षण टीम का नेतृत्व कर चुके हैं।