उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरकार की ईमानदारी पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर प्रशांत भूषण के बयान को बहाना बनाकर जनलोकपाल से जुड़े सभी लोगों के खिलाफ इस प्रकार की हिंसक कार्रवाई हो रही है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को अन्ना हजारे ने प्रशांत भूषण के कश्मीर पर दिए बयान से किनारा करते हुए कहा था कि वह प्रशांत के बयान से सहमत नहीं हैं और कश्मीर के ऊपर दिया गया उनका बयान निजी है।
अन्ना ने यह भी कहा था कि प्रसांत ने बयान देने से पहले टीम के अन्य सदस्यों से कोई चर्चा भी नहीं की थी।