माना जा रहा है कि रामलीला मैदान में बाबा ने अपने जिस अभियान को अधूरा छोड़ा था, उसे पूरा करने के लिए ही उन्होंने झांसी से अपने स्वाभिमान यात्रा की शुरुआत की है।
झांसी में मंगलवार को रामदेव ने योग शिविर के साथ स्वाभिमान यात्रा का दूसरा चरण शुरू किया है। इस मौके पर उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कालेधन की वापसी के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाने पर सरकार की जमकर आलोचना की।
उन्होंने कहा कि उनकी यह यात्रा तब तक तक जारी रहेगी, जब तक विदेशों में जमा कालाधन देश में वापस नहीं आ जाता। योगगुरु ने राजनीतिक दलों पर निशाना साधा और चुटकी लेते हुए कहा कि “मुझे उन लोगों को अपना चरित्र प्रमाण पत्र दिखाने की कोई जरूरत नहीं है, जिनका खुद का चरित्र ही ठीक नहीं है।”
इस मौके पर उन्होंने मंच से नेपाल सरकार का पत्र दिखाकर कहा कि इसमें साफ लिखा है कि बालकृष्ण का जन्म नेपाल में नहीं हुआ था।
बाबा द्वारा शुरू की गई यह स्वाभिमान यात्रा 16 दिनों तक चलेगी और 5 नवंबर को खत्म होगी। एक लाख किलोमीटर की यात्रा के दौरान योग शिविर, किसान सम्मेलन व आम सभाएं आयोजित की जाएंगी।
इससे पहले सोमवार को झांसी जाने से पहले स्वामी रामदेव ग्वालियर में रुके। यहां वह रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर गए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में बुरी तरह जकड़े भारत को मुक्त कराने के लिए झांसी से उनकी दूसरी क्रांति शुरू हो रही है।