नई दिल्ली ।। रूस में गीता पर प्रतिबंध लगाने की मुहिम को ‘गुमराह तथा उकसाए गए व्यक्तियों’ का काम बताते हुए विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को रूसी सरकार के साथ उच्च स्तर पर उठाया है और उसे जल्द ही इसका समाधान हो जाने की आशा है।
इस सम्बंध में आईएएनएस की रिपोर्ट पर सांसदों द्वारा सोमवार को लोकसभा में हंगामा किए जाने के बाद मंगलवार को कृष्णा ने सदन में कहा कि सरकार मामले पर नजर बनाए हुए है और रूसी अधिकारियों के साथ लगातार सम्पर्क में है।
गीता को ‘उग्रवादी साहित्य’ बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग को साइबेरिया के तामस्क शहर की अदालत में मामला चल रहा है।
कृष्णा ने लोकसभा में कहा, “मास्को में भारतीय अधिकारी एवं वहां हमारे राजदूत इस्कॉन के प्रतिनिधियों के लगातार सम्पर्क में हैं। हमने रूसी सरकार के साथ शीर्ष स्तर पर यह मुद्दा उठाया है। भारतीय दूतावास इस कानूनी मुद्दे पर लगातार नजर बनाए हुए है। यह मामला कुछ गुमराह तत्वों द्वारा निर्थक शिकायत के साथ दर्ज कराया गया है।”
उन्होंने उम्मीद जताई कि यह मामला जल्द ही सुलझ जाएगा और इसमें भारतीय सभ्यता के मूल्यों को ध्यान में रखा जाएगा। गीता को ‘किसी भी घटिया प्रचार या उकसाए गए लोगों के हमले से ऊपर’ बताते हुए उन्होंने कहा कि गीता ‘भारतीय सभ्यता के मूल की व्याख्या करती है।’
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा स्वराज ने सरकार से गीता को ‘राष्ट्रीय पुस्तक’ घोषित करने की मांग की।
कृष्णा ने यह भी कहा कि सरकार ने इस मुद्दे को भारत में रूस के राजदूत एलेक्जेंडर कदाकिन के समक्ष भी उठाया है। उन्होंने गीता के बारे में कदाकिन के बयान का हवाला देते हुए कहा कि यह भारत और दुनिया के लोगों के लिए ज्ञान का महान स्रोत है।
राज्यसभा ने रूस में गीता पर प्रतिबंध की कोशिशों की मंगलवार को निंदा की। वहीं सरकार ने सदन के सदस्यों को आश्वस्त किया कि वह इस मामले को रूस के साथ उठा रही है और जल्द ही इस सम्बंध में उचित कार्रवाई की जाएगी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य तरुण विजय ने राज्यसभा में यह मामला उठाया और कहा कि पवित्र हिन्दू ग्रंथ पर प्रतिबंध की कोशिश सूर्य पर रोक लगाने जैसी है। उन्होंने कहा, “क्या सूर्य को रोका जा सकता है, क्या हिमालय को रोका जा सकता है..?”
विजय ने कहा कि पूरे देश को इस पर विरोध जताना चाहिए और सरकार को यह मुद्दा रूस के साथ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा महात्मा गांधी, विनोबा भावे और अल्बर्ट आइंस्टीन जैसे महान लोगों ने भी गीता से प्रेरणा ली थी।
उन्होंने कहा, “यदि कोई गीता पर प्रतिबंध लगाने की बात करता है तो यह अस्वीकार्य होगा। यह मामला उस वक्त सामने आया जब प्रधानमंत्री रूस की आधिकारिक यात्रा पर थे। क्या उन्होंने इस मुद्दे को उठाया? क्या जवाब दिया गया?”
भाजपा सहित कई अन्य दलों के सांसदों ने भी दलगत राजनीति से ऊपर उठते हुए विजय का समर्थन किया। कांग्रेस सदस्य पी. जे. कुरियन ने कहा कि भगवद् गीता पर प्रतिबंध की मुहिम ‘बेहद गम्भीर मुद्दा’ है।
राज्यसभा के उप सभापति के. रहमान खान ने कहा, “सदन इससे सहमत है और इसकी एक मत से आलोचना करता है।”
केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार लोगों की भावनाओं से सहमत हैं। उन्होंने कहा, “हम रूसी सरकार को इसकी जानकारी दे रहे हैं.. उचित कदम उठाए जाएंगे।”